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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ जै० ले० सं०, लेखांक ६६
सोमवार भाग १ वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ जै० धा० प्र० ले० लेखांक २१९
सोमवार वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ प्रा० ले० सं०, लेखांक ४३८ सोमवार
लेखांक ४३९ सोमवार वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ वही, लेखांक ४४०
सोमवार वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ वही, लेखांक ४४१
सोमवार वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ जै० धा० प्र० ले० लेखांक ४४०
सोमवार सं०, भाग २, वि० सं० १५३१ वैशाख वदि ११ वही, भाग २ लेखांक ४४९
सोमवार वि० सं० १५३२ वैशाख वदि २ प्र० ले० सं०, लेखांक ७४३
शुक्रवार भाग १ वि० सं० १५३४ वैशाख सुदि २ वही, लेखांक ७६९
रविवार वि० सं० १५३६ तिथि विहीन श्री० प्र० ले० सं० लेखांक ११ गुणसमुद्रसूरि के पट्टधर गुणधीरसूरि
इनकी प्रेरणा से प्रतिष्ठापित १९ जिनप्रतिमायें मिलती हैं जो वि० सं० १५१६ से वि० सं० १५३६ तक की हैं। इनका विवरण इस प्रकार हैं : वि० सं० १५१६ वैशाख वदि १० जै० धा० प्र० लेखांक ९६०
ले० सं०, भाग १
गुरुवार
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