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वि० सं० १५११ ज्येष्ठ वदि १०
सोमवार
वि० सं० १५११
वि० सं० १५११
वि० सं० १५११
गुरुवार
वि० सं० १५१२ ज्येष्ठ वदि ९
आषाढ़ सुदि ५
शुक्रवार
माघ वदि ३
बुधवार
माघ सुदि ५
जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
वही भाग २
लेखांक ४६२
,
वही, भाग २ लेखांक ३७७
प्रा० ले० सं० लेखांक २६७
रा० प्र० ले० सं०लेखांक १७१
जै० ले० सं०, लेखांक २१३६
भाग ३
गुरुवार
गुणसमुद्रसूरि के पट्टधर पुण्यरत्नसूरि
पुण्यरत्नसूरिकी प्रेरणा से प्रतिष्ठापित ३० सलेख जिन प्रतिमायें मिली हैं, जो वि०सं० १५१२ से वि०सं० १५३६ तक की हैं। इनका विवरण इस प्रकार है
:
वि० सं० १५१२ चैत्र वदि ८
वि० सं० १५१७
शुक्रवार
वि० सं० १५१२ ज्येष्ठ सुदि ८
रविवार
वि० सं० १५१५ फाल्गुन सुदि ९ रविवार
वि० सं० १५१७ वैशाख वदि ८
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शुक्रवार
माघ वदि ८
बुधवार
वि० सं० १५१८ फाल्गुन वदि १
सोमवार
अ० प्र० जै० लेखांक ५८२ ले० सं०
जै० धा० प्र० लेखांक १०६ ले० सं०, भाग १
रा० प्र० ले० सं० लेखांक १९२
जै० ले० सं०, लेखांक २०८५
भाग २,
श्री० प्र० ले० सं० लेखांक ७१
जै० धा० प्र० लेखांक १७० ले० सं०, भाग २
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