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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org तालिका १ : प्रशस्तियों के आधार पर निर्मित पूर्णिमापक्ष के आचार्यों की गुरु-परम्परा सर्वदेवसूरि शीलगुणसूरि 1 मानतुंगसूरि [ जयन्ती प्रश्नोत्तर संग्रह के कर्ता ] T मलययप्रभसूरि [वि. सं. १२६० में जयन्ती प्रश्नोत्तर संग्रहवृत्ति के कर्ता धर्मघोषसूरि समुद्रघोषसूरि 1 मुनिरत्नसूरि [वि. सं. १२२५ में अममस्वामिचरितमहाकाव्य के कर्ता] यशोघोषसूरि 1 हेमप्रभसूरि प्रश्नोत्तररत्नमालावृत्ति वि. सं. १२४३] जयसिंहसूरि | चन्द्रप्रभसूरि चक्रेश्वरसूरि - शिवप्रभसूरि 1 तिलकाचार्य [वि. सं. १२६१ में प्रत्येकबुद्धचरित आदि अनेक ग्रंथों के रचनाकार ] धर्मप्रभसूरि | [ पूर्णिमापक्ष के प्रवर्तक वि. सं. ११५९ / ई. सन् ११०२] अभयप्रभसूरि | रत्नप्रभसूरि कमलप्रभसूरि त्रिदशप्रभसूरि [वि. सं. ११८१ में दर्शनशुद्धि वृत्ति के रचनाकार ] विमलगणि | देवभद्रसूरि [दर्शनशुद्धि बृहद्वृत्ति वि. सं. १२२४] जिनदत्तसूरि www शांतिभद्रसूरि 1 भुवनतिलकसूरि | रत्नप्रभसूरि समन्तभद्र भद्रेश्वरसूरि I मुनिप्रभसूरि -1-1-1-1 देवसूरि तिलकप्रभसूरि | वीरप्रभसूरि | अजितप्रभसूरि (वि. सं. १३०७ शांतिनाथ चरित) पूर्णिमागच्छ ९४१
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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