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________________ न Jain Education International - For Private & Personal Use Only क्रमाङ्क |संवत् | तिथि | आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ । प्रतिष्ठा स्थान | संदर्भ ग्रन्थ स्तम्भलेख २७. |१४४० | पौष | उदयानन्दसूरि शांतिनाथ की जैन देरासर, पाटडी विजयधर्मसूरि, सुदि १२ धातु प्रतिमा पर पूर्वोक्त, बुधवार उत्कीर्ण लेख लेखांक ८५ २८. १४४२ | वैशाख सागरचन्द्रसूरि आदिनाथ की वीरचैत्यार्तगत लोढा, पूर्वोक्तवदि १० धातु की प्रतिमा | आदीश्वरचैत्य, लेखांक १६१ रविवार पर उत्कीर्ण लेख | थराद २९. १४४७ / फाल्गुन जय.....सूरि गौड़ी पार्श्वनाथ मुनि विशालविजय, सुदि ९ जिनालय, गौडीजी | पूर्वोक्तसोमवार खड़की राधनपुर लेखांक ८१ ३०. |१४५४ | वैशाख गुप्त (गुण) अजितनाथ की । धर्मनाथ देरासर, बुद्धिसागरसूरि, वदि ११ | समुद्रसूरि के धातु की डभोई पूर्वोक्त, भाग-१, रविवार | पट्टधर शांतिसूरि प्रतिमा पर लेखांक ५३ उत्कीर्ण लेख जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास www.jainelibrary.org
SR No.003615
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages698
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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