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(वि० सं० १८८४ में अपने गुरु की पादुका का स्थापक)
वक्तचन्द्र
सागरचन्द्र
शिवचन्द्रसूरि (वि०सं० १८१५ में गुरु की पादुका के प्रतिष्ठापक)
भानुचन्द्रसूरि
विवेकचन्द्रसूरि
लब्धिचन्द्रसूरि
हर्षचन्द्रसूरि (वि०सं० १९०२ में गुरु की पादुका के प्रतिष्ठापक)
हेमचन्द्रसूरि
मुक्तिचन्द्रसूरि
मुनि इन्द्रचन्द्र
I
मुनि वीरचन्द्र
(वि०सं० १९०९ में अतरंगकुटुंबचौढालिया के कर्ता) सागरचन्द्रसूरि
मुनिवृद्धिचन्द्र
भातृचन्द्रसूरि
देवचन्द्रसूरि
पार्श्वचन्द्रगच्छ
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