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पार्श्वचन्द्रगच्छ
जयचन्द्रसूरि
पद्मचन्द्रसूरि
मुनिचन्द्रसूरि
नेमिचन्द्रसूरि नेमिच T कनकचन्द्रसूरि
शिवचन्द्रसूरि T भानुचन्द्रसूरि
विवेकचन्द्रसूरि
1
लब्धिचन्द्रसूरि
1
हर्षचन्द्रसूरि
मुक्तिचन्द्रसूरि
भ्रातृचन्द्रसूरि
८२३
(वि०सं० १९२० में जन्म, वि०सं० १९३५ में दीक्षा, वि०सं० १९३७ में क्रियोद्धार, वि०सं० १९६७ में आचार्य पद, १९७२ में निधन )
सागरचन्द्रसूरि (वि०सं० १९४३ में जन्म, १९५८ में दीक्षा, वि०सं० १९९३ में आचार्य पद, वि०सं० १९९५ में स्वर्गस्थ )
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मुनिवृद्धिचन्द्र
तृतीय पट्टावली तो गच्छ के प्रवर्तक पार्श्वचन्द्रसूरि से ही प्रारम्भ होती है | इसमें भी सागरचन्द्रसूरि तक का पट्टक्रम प्राप्त होता है, जो इस प्रकार है
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