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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास
हर्षसूरि
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भट्टारक कमलचन्द्र 1
गुणमाणिक्यसूरि
पल्लीवालगच्छ की द्वितीय पट्टावली वि०सं० १७२८ में रची गई है। इसमें भगवान् महावीर के ८ वें पट्टधर स्थूलिभद्र से लेकर ६१ वें पट्टधर उद्योतनसूरि तक का विवरण दिया गया है, जो इस प्रकार है-
८.
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सुन्दरचन्द्रसूरि (वि०सं० १६७५ में स्वर्गस्थ )
९.
I प्रभुचन्द्रसूरि (वर्तमान)
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महावीर
स्थूलिभद्र
सुहस्तिसूरि I १०. इन्द्रदिन्नसूरि
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सुधर्मा
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