________________
Jain Education International
धर्मघोषगच्छ
-
For Private & Personal Use Only
क्रमाङ्क | संवत् । तिथि | आचार्य का नाम | प्रतिमालेख/ प्रतिष्ठा स्थान । संदर्भ ग्रन्थ
स्तम्भलेख १९२. | १५४३ / मार्गसिर | पुण्यवर्धनसूरि सुमतिनाथ की | महावीर जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, वदि २ प्रतिमा का लेख | जालोर
भाग- २,
लेखांक ९०४ १९३. १५७२ माघ कमलप्रभसूरि वासुपूज्यस्वामी | वीर जिनालय, नाहटा, पूर्वोक्त,
वदि २
| के पट्टधर प्रतिमा का लेख | वैदों का चौक, लेखांक १३७२ सोमवार | पुण्यवर्धनसूरि
बीकानेर १९४. | १५५२ | ज्येष्ठ ।
चन्द्रप्रभस्वामी | खरतरगच्छीय बड़ा मुनि कान्तिसागर, सुदि १३
की प्रतिमा का | मंदिर, कलकत्ता पूर्वोक्त, शुक्रवार
लेखांक २६३ १९५. | १५५४ | माघ पुण्यवर्धनसूरि
घर देरासर, झज्झू, नाहटा, पूर्वोक्त, | सुदि ५
बीकानेर
लेखांक २३२४
-
--
लेख
-
www.jainelibrary.org