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________________ ४३६ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास "बृहत्पोषालिकपट्टावली" में इनका स्वर्गवास काल वि० सं० ११३९ दिया गया है। केचिदेकोनचत्वारिंशदधिकैकादशशते ११३९ नवांगवृत्तिकृत श्रीअभयदेवसूरिः स्वर्गभाक्। ३५. लालचन्द भगवानदास गांधी - ऐतिहासिकलेखसंग्रह, श्री सयाजी साहित्यमाला, पुष्प ३३५, बड़ौदरा १९६३ ईस्वी, पृ० ११४. ३६. द्रष्टव्य, संदर्भ क्रमांक १२. ३७. भोगीलाल सांडेसरा - महामात्य वस्तुपाल का साहित्यमंडल और संस्कृत साहित्य में उनकी देन, सन्मति प्रकाशन नं० १५, जैन संस्कृति संशोधक मंडल, वाराणसी १९५९ ईस्वी, पृष्ठ १०६-१०९. ३८. द्रष्यव्य-संदर्भ क्रमांक १४.। ३९. Jinaratankosha, P. 303. ४०. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, पृष्ठ २११. ४१-४२. मोहनलाल दलीचंद देसाई - जैन गूर्जरकविओ, नवीन संस्करण, संपा० डॉ० जयन्त कोठारी, महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई १९८६ ई० पृष्ठ १२-१३. ४३. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, पृष्ठ १२२-१२३. ४४. जयकुमार जैन - पार्श्वनाथचरित का समीक्षात्मक अध्ययन, मुजफ्फरनगर १९८७ ईस्वी, पृष्ठ ५६-५७. 84. Jinaratnakosha, P. 272. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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