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________________ जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास जैनधातुप्रतिमालेख, संपा० मुनि कांतिसागर, श्रीजिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, सुरत १९५० ई० । प्रतिष्ठालेखसंग्रह, भाग - १, संपा० महोपाध्याय विनयसागर, सुमतिसदन, कोटा १९५३ ई०, , भाग-२, जयपुर २००३ ई० । बीकानेरजैनलेखसंग्रह, संपा० अगरचंद नाहटा एवं भंवरलाल नाहटा, नाहटा ब्रदर्स, ४, जगमोहन मल्लिक लेन, कलकत्ता १९५५ ई० । श्रीप्रतिमालेखसंग्रह, संपा० श्री दौलतसिंह लोढा " अरविन्द" धामणिया, मेवाड़ १९५५ ई० । राधनपुरप्रतिमालेखसंग्रह, संपा० मुनि विशालविजय, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर १९६० ई० । शत्रुंजयगिरिराजदर्शन, संपा० मुनि कंचनसागर, कपडवज १९८३ ई० । नाकोड़ापार्श्वनाथतीर्थ - संपा० महो० विनयसागर, कुशलसंस्थान, पुष्प - १, जयपुर १९८८ ई० । बाड़मेर जिले के प्राचीन जैनशिलालेख, संग्रा० संपा० - चम्पालाल सालेचा, प्रकाशक- जैन श्वे. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, पो० मेवानगर, जिलाबाड़मेर १९८७ ई० । शत्रुंजयवैभव, संम्पा० मुनि कान्तिसागर, कुशलसंस्थान, पुष्प-४, जयपुर १९९० ई० । पाटणजैनप्रतिमालेखसंग्रह, संपा० लक्ष्मण भोजक, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली २००० ई० अर्बुद परिमंडल की जैन धातु प्रतिमायें एवं मंदिरावलि, संग्राहकसंपा० सोहनलाल पटनी, सिरोही २००२ ई० । Jain image inscriptions of Ahmedabad, Ed. Praveen Chandra C. Parikh And Bharti Shelat, B. J. Institute of Learning and Research, Ahmedabad 1997 A.D. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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