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________________ ४२५ महामात्य तेजपाल द्वारा वि० सं० १२९८ / ई० सन् १२४२ में तीर्थाधिराज शत्रुञ्जय पर आयोजित श्वेताम्बर श्रमण संघ के सम्मेलन में अन्यान्य गच्छों के आचार्यों एवं मुनिजनों के साथ- साथ नवाङ्गवृत्तिकार अभयदेवसूरि की परम्परा में हुए छत्राउला ( ? ) देवप्रभसूरि के शिष्य पद्मप्रभसूरि के सम्मिलित होने का भी उल्लेख मिलता है । २९ यद्यपि वहां यह नहीं बतलाया गया है कि देवप्रभसूरि और उनके शिष्य पद्मप्रभसूरि किस गच्छ के थे; किन्तु उन्हें स्पष्ट रूप से नवाङ्गवृत्तिकार अभयदेवसूरि की परम्परा का बतलाया गया है। नवाङ्गवृत्तिकार अभयदेवसूरि चन्द्रकुल के सुविख्यात आचार्य रहे हैं, अत: उनकी परम्परा में परवर्ती काल में होने वाले देवप्रभसूरि और पद्मप्रभसूरि भी चन्द्रकुल (चन्द्रगच्छ) से ही सम्बद्ध माने जा सकते हैं। यद्यपि इनका किन्ही समकालीन साक्ष्यों में कोई उल्लेख नहीं मिलता, किन्तु चन्द्रगच्छ से सम्बद्ध वि० सं० १३३१-१३३२-१३४४ और १३५७ के प्रतिमालेखों में (जिनका इसी निबन्ध में पीछे उल्लेख आ चुका है) प्रतिमाप्रतिष्ठापक आचार्य गुणाकरसूरि के गुरु पद्मप्रभसूरि का नाम मिलता है जिन्हें उपरोक्त पद्मप्रभसूरि से अभिन्न माना जा सकता है। गुणाकरसूरि द्वारा प्रतिष्ठापित सबसे प्राचीन प्रतिमा वि० सं० १३३१ की है । इस समय तक वे अपने गुरु के पट्टधर बन चुके थे। अतः वह सुनिश्चित है कि इस समय तक पद्मप्रभसूरि दिवंगत हो चुके थे और वि० सं० १२९८ में जब उन्होंने उक्त सम्मेलन में भाग लिया था, प्रौढावस्था में ही रहे होंगे । चन्द्रगच्छ इस प्रकार उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों से भी इस गच्छ के विभिन्न मुनिजनों के नाम ज्ञात होते हैं किन्तु साहित्यिक साक्ष्यों की भांति इनके आधार पर भी चंद्रगच्छीय मुनिजनों की गुरु परम्परा की किसी तालिका को संगठित कर पाना कठिन है । साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के अध्ययन के आधार पर जहां विभिन्न गच्छों की गुरु- परम्परा की लम्बी तालिकायें निर्मित हो जाती हैं और उनके इतिहास का स्वरूप स्पष्ट होने लगता है वहीं बड़ी संख्या में Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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