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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास भावदेवसूरि के पट्टधर विजयसिंहसूरि हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठापित
६ सलेख जिनप्रतिमायें आज उपलब्ध हैं जो वि० सं० १४६९ से वि० सं० १४८५ तक की हैं। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है। वि० सं० १४६९ माघ सुदि १
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३८४
मुनिसुव्रत की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान - चिन्तामणिजी का मंदिर, बीकानेर ।
.३२
वि० सं० १४७१ माघ सुदि १३ बुधवार
आदिनाथ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान- पूर्वोक्त, बीकानेर । वि० सं० १४७६ चैत्र वदि १ शनिवार
_.३३
शांतिनाथ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान- पूर्वोक्त, बीकानेर । वि० सं० १४७९ माघ वदि ७ सोमवार ३४
चन्द्रप्रभ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान - जैनमंदिर थराद । वि० सं० १४८१ वैशाख वदि ११
३५
धर्मनाथ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान - चिन्तामणिजी का मंदिर, बीकानेर ।
.३६
वि० सं० १४८५ माघ वदि ९ गुरुवार संभवनाथ की प्रतिमा का लेख, प्रतिष्ठा स्थान - जैनमंदिर थराद |
विजयसिंहसूरि के पट्टधर वीरसूरि हुए। इनके द्वारा प्रतिष्ठापित ३१ प्रतिमायें आज उपलब्ध हैं जो वि० सं० १४८९ से वि० सं० १५१३ के मध्य की हैं। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
वि०सं० १४८९ फाल्गुन वदि २ गुरुवार नमिनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख,
प्रतिष्ठा स्थान - चिन्तामणिजी का मंदिर, बीकानेर । संदर्भ - बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखांक ७४५ वि० सं० १४९४ माघ सुदि ५ गुरुवार
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