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________________ ३८१ खंडिल गच्छ जिनदेवसूरि के पट्टधर भावदेवसूरि हुए जिनके द्वारा प्रतिष्ठापित शांतिनाथ की प्रतिमा पर वि० सं० १३१७ का एक लेख उत्कीर्ण है । लेख इस प्रकार है सं० १३१७ वर्षे वैशाख वदि ... शनौ क्येह श्रीमद्णहिलपाटके श्री भवडाद (भावडार) गच्छे श्रीमालज्ञा० रत्नपुरीय श्रे. जसकुमार सु श्रे० उदाश्रेयोर्थं पुत्र सोमाकेन श्री शांतिनाथबिंबं का० प्रति० श्रीभावदेवसूरिभिः ॥२२ प्रतिष्ठा स्थान - शांतिनाथ जैन मंदिर, पाटन । भावदेवसूरि के पट्टधर विजयसिंहसूरि हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठापित पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर वि० सं० १३४९ का लेख उत्कीर्ण है, जो इस प्रकार है - सं० १३४९ ज्येष्ठ सुदि २ श्री भावडारगच्छे सा० सोमा भार्या सोमश्री पुत्र छाड़ा-नागा-गयवरैः स्वमातृ श्रेयसे श्री पार्श्वनाथबिबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयसिंहसूरिभिः । प्रतिष्ठा स्थान-जैनमंदिर, थराद २३ विजयसिंहसूरि के पट्टधर वीरसूरि हुए । इनके द्वारा प्रतिष्ठापित ऋषभनाथ की प्रतिमा पर वि० सं० १३७४ का लेख उत्कीर्ण है । लेख इस प्रकार है - सम्वत् १३७४ वर्षे वैशाख सुदि ७ श्री भावडारगच्छे उपकेशज्ञातीय तिहुणा भार्या तिहुणा देवि पु० महणाकेन श्रीऋषभदेवबिबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीवीरसूरिभिः ॥२४ विजयसिंहसूरि के पट्टधर जिनदेवसूरि हुए जिनके द्वारा प्रतिष्ठापित वि० सं० १३७९ से १४२९ तक के कुल ८ लेख मिले हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है १. सं० १३७९ वैशाख सु० ...... भावडारगच्छे उपकेशज्ञा० पितृ का भ० ललतू भ्रातृ सही...... महं० भउणाकेन श्री पार्श्वनाथबिबं का० प्र० श्री जिनदेवसूरिभिः। बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखाङ्क २८३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003614
Book TitleJain Shwetambar Gaccho ka Sankshipta Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2009
Total Pages714
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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