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जैन श्वेताम्बर गच्छों का संक्षिप्त इतिहास [वि०सं० १४४४ / ई० स० १३८८ के लगभग
हम्मीरमहाकाव्य और रम्भामंजरीनाटिका के रचनाकार] यही इस गच्छ से सम्बद्ध साहित्यिक साक्ष्य हैं। जैसा कि पूर्व में कहा गया है, इस गच्छ के मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमायें भी उपलब्ध हुई हैं। इन पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण इस प्रकार है :
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