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________________ ४८५ परिशिष्ट-६ : आधारभूत ग्रंथ सूची भगवई ग्रंथ का नाम संस्करण प्रकाशक भाष्य में प्रयुक्त स्थल लेखक/संपादक/अनुवादक वाचनाप्रमुख/प्रवाचक आदि ३१. जंबुद्दीवपण्णत्ती (उवंग वा. प्र. आचार्य तुलसी | सन् १९८८ | जैन विश्व भारती लाडनूं |१२/१६३-१६८ सुत्ताणि, भाग-४, खण्ड २)| सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ (राजस्थान) ३२. जनार्दन भट्ट, अशोक के | अशोक सन् १९८७ | | पब्लिकेशन्स डिवीजन, |१५/आमुख धर्मलेख दिल्ली ३३. जीवाजीवाभिगमे वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९८८ । जैन विश्व भारती लाडनूं | १३/३,४५,४६; (उवंगसुत्ताणि भाग-४, | सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ (राजस्थान) १६/८-१६,२०-२६ खंड-१) ३४. जैन आगम वनस्पति कोश वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९९६ | जैन विश्व भारती, लाडनूं |१३/१४९-१६६; प्र. सं आचार्य महाप्रज्ञ (राजस्थान) १५/१५२-१५५ सं. मुनिश्री श्रीचंद 'कमल' ३५. जैन दर्शन और विज्ञान | मुनि महेन्द्रकुमार एवं द्वि. सं. जैन विश्व भारती संस्थान १५/७३ जेठालाल जवेरी २००२ (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं (राज.) ३६. जैनेन्द्र सिद्धांत कोश |सं. क्षु. जिनेन्द्रवर्णी सन् १९४४ भारतीय ज्ञान पीठ, नई १२/४-६; १३/१४९. दिल्ली |१६६, १५/२६ ३७. ठाणं (मूल पाठ, संस्कृत | वा. प्र. आचार्य तुलसी वि. सं. जैन विश्व भारती लाडनूं | १२/२२-२५,५५-५८, छाया, हिन्दी अनुवाद तथा | सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ २०३३ (राजस्थान) ६९-८०,१२४,१५४टिप्पण) १५८,१६३-१६८; १३/ आमुख, ७२-७३,१४९१६६; १४/आमुख; १६-२०,२१-२४,८०८१, १५/आमुख, २६,१४२, १६/१ ४,८-१६,५४-५५ ३८. तत्त्वार्थ राजवार्तिक कर्ता भट्ट अकलंक देव वि.सं.२००९ | भारतीय ज्ञानपीठ काशी, |१२/४-५,१६/११६ सं. पं. महेन्द्र कुमार जैन । दुर्गा कुंड रोड, बनारस-४ ३९. तत्त्वार्थ सूत्र कर्ता-उमास्वाति | वि.सं.१९८९ | सेठ मणीलाल रेवाशंकर |१२/६९-८०,१३/५५. जगजीवन जौहरी,बंबई-२/६०; १४/११३-११६ ४०. तत्त्वार्थ सूत्राधिगम भाष्य | टीकाकार सिद्धसेन गणि सन् १९२६ | देवचन्द्र लालभाई जैन |१२/६९-८०,१०२वृत्ति (भाष्यानुसारिणी) पुस्तकोद्धार फंड, बंबई |१०७,१६३-१६८; १४/ ३,५१,८४-८८,११३ |११६, १६/२०-२६ ४१. तीर्थंकर वर्धमान : जीवन | श्रीचन्द रामपुरिया | सन् २००० | जैन विश्व भारती, लाडनूं |१५/१४२ प्रसंग लेखक हेमचन्द्राचार्य | वि.सं. १९९२ श्री जैन आत्मानन्द सभा, १५/१४२ भावनगर (काठियावाड़) ४२. त्रिषष्टिशलाकापुरुष- चरित्रम् ४३. दर्शनसार ४४. दशवैकालिक चूर्णि १५/आमुख |१५/५३-५६ कर्ता-जिनदास महत्तर सन् १९३३ | श्री ऋषभदेव केशरीमल वे संस्था रतलाम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003596
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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