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इक्कारसमं अज्झयणं (बहुस्सुयपुज्ज)
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१२. न य पावपरिक्खेवी न य मित्तेसु कुप्पई ।
अप्पियस्सावि मित्तस्स रहे कल्लाण भासई ॥ १३. कलहडमरवज्जए बुद्धे अभिजाइए ।
हिरिमं पडिसंलोणे सुविणोए ति वुच्चई ।। १४. वसे गुरुकुले निच्च जोगवं उवहाणवं ।
पियंकरे पियंवाई से सिक्खं लद्धमरिहई ।। १५. जहा संखम्मि पयं निहियं दुहओ वि" विरायइ ।
एवं बहुस्सुए भिक्खू धम्मो कित्ती तहा सुयं ॥ १६. जहा से कंबोयाणं आइण्णे कथए सिया ।
आसे जवेण पवरे एवं हवइ बहुस्सुए ।। १७. जहाइण्णसमारूढे सूरे दढपरक्कमे ।
उभओ नंदिघोसेणं एवं हवइ बहुस्सुए ।। १८. जहा करेणुपरिकिण्णे कुजरे सद्विहायणे ।
बलवंते अप्पडिहए एवं हवइ बहुस्सुए। १६. जहा से तिखसिंगे जायखंधे विरायई ।
बसहे जूहाहिबई एवं हवइ बहुस्सुए। २०. जहा से तिक्खदाढे उदग्गे दुप्पहंसए ।
सीहे मियाण पवरे एवं हवइ बहुस्सुए ।। २१. जहा से वासुदेवे संखचक्कगथाधरे
अप्पडिहयबले जोहे एवं हवइ बहुस्सुए ।। २२. जहा से चाउरते चक्कवट्टी महिड्ढिए ।
चउदसरयणाहिवई एवं हवइ बहुस्सुए। २३. जहा से सहस्सक्खे वज्जपाणी पुरंदरे ।
सक्के देवाहिवई एवं हवइ बहुस्सुए। २४. जहा से तिमिरविद्धंसे उत्तिद्रुते दिवायरे ।
जलते इव तेएण एवं हवइ बहुस्सुए ।। २५. जहा से उडुवई चंदे नक्खत्तारिवारिए ।
पडिपुणे पुण्णमासीए एवं हवइ बहुस्सुए। २६. जहा से सामाइयाण कोट्ठागारे सुरक्खिए ।
नाणाधन्नपडिपुणे एवं हवइ बहुस्सुए ।। २७. जहा सा दुमाण पवरा जंबू नाम सुदंसणा ।
अणाढियस्स देवस्स एवं हवइ बहुस्सुए। १.णिसितं उभयतो (चू)।
२. सामाइयंगाणं (बृपा)
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