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६४.
६५.
६६.
६७.
६८.
६६.
७०.
७१.
७२.
७३.
७४.
७५.
७६.
७७.
७८.
७६.
५०.
८१.
५२.
८३.
६४.
८५.
८६.
८७.
८८.
८६.
६०.
६१.
६२.
६३.
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६५.
६६.
६७.
६८.
88.
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तंडव
( त्वष्ट्रदेवता )
( त्वष्ट्र)
( त्रयस्त्रिशत् ) ज० ४।६८
तिरिक्खजोणियअसण्णिआउय ( तिर्यग्योनिकासंज्ञ्यायुष् )
( तिर्यगायुष्)
( दत्वा )
( दत्वा )
(दुष्ट)
( दुरभि )
(दुधाट्ट)
तदेवया
तठु
तित्तीस
विरियाजय
दलयिता
दाऊण
दुट्ठ
दुरभि
दुहट्ट
देवअसणिआउय
पंचसतर
पच्चीस विकत्ता
डिसेहित्तए
पम्ह
पल्हायणिज्ज
पुष्प डेलग
पुइय
पेहुणमिजिया
पोवई
पोवती
भंत
भणित
भत्तिचित्त
भवोववायगति
भासम
भूमिचवे उ
मंडलवता
( देवासंज्ञ्यायुष्)
पञ्जसप्तति
प्रत्यवष्कष्य
प्रतिषेधदुभ्
(पद्म) २५१
परिणित्वा
परियाण
परिवय
परिहा
( प्रहृलदनीय )
विट्ठीय
पुक्खलाई
( पुष्पपटलक)
पुस्वरत
पूजित
'पेहुण' मञ्जिका
प्रोष्ठपदी
प्रोष्ठपदी
प१३११ से ३१
प १९४८ १४७
ज० ३१३६; ५|५६
( भवोपघातगति)
प ३३१२, १०८
ज ५।७
मंडल / मंत
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/ तंडव
( स्वष्टृ देवता )
( त्वष्टृ )
X
( तिर्यग्योनिकासंज्ञयायुष्क )
( तिर्यगायुष्क )
(दत्त्वा )
(दत्त्वा )
(दुष्ठु)
(दुर्)
(दुर्घट्ट)
(देवासंज्ञ्यायुष्क)
पञ्चसप्तति
प्रत्यवष्वष्त्रय
प्रतिषेद्धुम्
(पद्म) ४।२५१
परिणिव्वा
√ परियाण
परिचय
परिहा
( प्रहृलादनीय)
पिट्ठि
पुक्खलाबाई
( पुष्पपटलक)
पुत्ररत
पूजित
पेहुणमज्जिका
प्रोष्ठपदी
प्रोष्ठपदी
2022
१३।१ से १३,२१ से ३१
प० १२४८।४१
ज० ३१३, ६, ५३५८
( भवोपपात गति )
प ३३११२,१०८
ज ५। ५७
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