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________________ कटु-कण्णपाउरण कट्ठ (काष्ठ) प ११४८ । ३० से ३७ ज २६५, १६,२८,१३१, २०१८ ५१५, १४ से १६ उ ३५०, ५१ कपाउयार (काष्ठकाकार) १६७ कट्ठमुद्दा (काठमुद्रा ) उ ३।५५,५६,६३,६४,६७, ६८,७०,७१,७३,७४,७६ कट्ठेसेज्जा (काठच्या ४५४३ कट्ठा (काष्ठा) सू २२६२३:११९११ से ३ कट्ठाहार (काष्ठाहार ) प १०५० कड (कृत ) प २०१३९; २३।१३ से २३ ज १११३, ३०,३३,३६:२०७१४२१२।२६,१० से १२१।२७,१४० कटक्छ (कटाल) १७ कडग (कटक) २०३०३६,६,१७,२६,३६, ४७,५६,६४,७२,६७,१०१,१३१, १३५,१३८, १४५,१५०, १६१,२११,२२२:५०२१,५८ उ ५।५ कहय ( कटक) प २०३१,४१,४१ ज ११२,३३६५, १५९,४१६ कडाह ( कटाह ) प १४४६ कटाहवृक्ष कडि ( कटि ) ज ३|१७८७३१७८ उ ३।११४ कडित (कटिसूत्र) ३२.२२२ कमी (कट्कतुम्बी) १७१२० कडुगलुंबीफल ( कटुकतुम्बीफल ) प १७।१३० (दे०) १४४०४११३९,२४२ (०) २०११.१२.००४१२१२३ ५।५५,५७,५८ उ ३५०, ५५ ४५.७.२०१ २८३२०,३२,६६, ज २०१४५७।११२१२ मू १०।१२।२ कठिण ( कठिन ) उ ३१५० कण कण ) सू २०14 कमर ( करवीर ) प ११३८ ।१ ज २११० कणिकार का पेड कणकण ( कणकण ) ज ५।२४ कहुय (कटुक) प १४ से Jain Education International कणकण (कणकणक) सू २०१८ कणग (दे०) ज ३३३५ बाण कग ( कनक ) प ११५१ २२४०२८६ २४८ ज ११५.१६,२८ २११५,६४,६८,६६ ३६, २४,३५,५६,८१,१४४.१००, २११,२२२६ ४११०,१११: ४१२१०१.२१७ ५५८ ७१७८ कणगमय ( कनकमय) २०१६७१२ कजगरयणदंड (कनकरत्नदण्ड) ज ३।१०६ कणगसणाम ( कनकसनामन् ) ज ७।१८६१ स २०१८१ कणगामई ( कनकावती) ज ४१७,१५,२४५ कणगामय ( कनकमय ) ज ११४६, ३११०६, १६७ ४११, ११०,१५६ कणगावलि ( कनकावलि) ज ३१२११ कलय (कनक) प १२४१२ ला धनूरा क (दे०) ज ३।३१ कणय (दे०) सू २०१६ एक ग्रह का नाम horiडियार ( कनकदण्डकार ) ज ३।३५ कणयमय ( कनकमय ) ज ११४६ । १ कविता ८७१ (कवितानक) सू २०१८ ग्रह का नाम ताण (कनकसंतानक) सू २०१८ ग्रह का नाम कणवीर (करवीर' ) ज २११५, ३११२,८८,५५८ कणिक्कामच्छ ( कणिका मत्स्य ) प १५६ trotra ( कनीयस् ) उ ११६५ कण्ण (कर्ण) ज २१४३,६४, ५१२६,३८,७१७८ उ ३।१०२ कण्णकला (कणकला ) सू १/८/१२/२ कण्णगा ( कन्यका) उ५।१३,२५ कण्णत्तिय (दे० ) प ११७८ कण्णपाउरण (कर्णप्रावरण ) प ११८६ १. हे० १०२५३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003579
Book TitleAgam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages394
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vrushnidasha
File Size7 MB
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