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________________ ८६८ ओयवेऊण-ओहद्रिय ओयवेऊण (दे० स्वायत्तीकर्तु) ज ३८१ ओयवेत्ता (दे० अधीनीकृत्य) ज ३७६ ओयसंठिति (ओजस स्थिति) सू १०६६१; हार ओयाय (उपयात) उ १११४,१५,२१,१३६,१३७ ओयाहार (ओज आहार) प २८५१०४,१०५ ओराल (दे०, उदार) प ३४११६,२१,२२ ज ११५; २१६४,३।१८५,४११०७ सू २०१७ उ ११४०, ४१,४३,४४, २०११ ओरालिय (औदारिक) प १२।१,३ से ५,८,९, ११ से १३,१५ से १७,२१,२३,२७ से २६, ३२,३३,३५,३६,२१११,३६,८०,८२,१०२, १०४,१०५;२३०४१ से ४४,८६,९२,३६।१२ ओरालियामीसगसरीर (औदारिकमिश्रकशरीर) प१६।१५,३६.८॥ ओरालियमीससरीर (औदारिकमिधशरीर) प१६।१,४ से ७ ओरालियमीसासरीर (औदारिकमिश्रकशरीर) क १६।१२ से १५, ३६८७ ओरालियसरीर (औदारिकशरीर) प१२।२३,२७, ३२,१६।१,४ से ७,१२ से १५,२११२ से ५, १६ से २५,२८ से ३२,३६,३८,४० से ४२, ४८,७६,७७,६५,९८ से १००,१०४,१०५; २२।३७,४४,४५,२८११०४,१४१,३६१८७ ओरालियसरीरग (औदारिकशरीरक) प १२० ओरालियसरीरय (औदारिकशरीरक) प १२७ ओरालियसरीरि (औदारिकशरीरिन) प २८१२,१४१ ओरोह (अवरोध) ज ५२२,२६ ओलंग (अवलम्ब) ज ७१७८ ओलुग्ग (अवरुग्ण) उ ११३५ ओवइय (दे०) प ११५० ओवक्कमिया (औपक्रमिकी] प ३५।१११:३५।१२, ओवम्म (औपम्य) प २१६४।१८ ओवम्मसच्च (औपम्यसत्य) १ ११।३३।१, ११३३ ओवय (अव पत्) आव यंति ज ५१५७ ओयवमाण (अवपतत्) ज ५१४४ ओववाइय (औपपातिक) ज २१८३,५१५७ ओवाय (अवपात) ज २६३८ ओवासंतर (अवकाशान्तर) प १५.५१ ओविय (दे०) ज ३१६,२४, ५१२१,२८ ओसक्क (अव-प्वप्क) आसक्कति प १७१५२,१५५ ओसक्कइत्ता (अवष्वष्क्य) सू१०।१४८ ओसण्ण (अवसन्न) प८।४,६,८,१०,२८१२०, २६,३२,६६ ज २।१३३,१३५ से १३७ उ ३।१२० ओसण्णविहारि (अबसन्न विहारिन् ) उ ३।१२० ओसत्त (अवसक्त) प २१३०,३१,४१ ज ३७,८८ ओसधि (ओषधि) प ११३३।१,१।४५ ज २११३१, १४४ से १४६,३।१३३,२०६,२११:५।५५, ५६ ओसप्पिणी (अवसर्पिणी) प १२१७,८,१०,१२,१६, २०,२७,३२,१८।३,२६,२७,३७,३८,४१,४३, ४५,५६,६४,७७,८३,६०,६५,१०७,१०८ ज २११,२,६,७,५२,५६,१३५३१ सू ८.१६२% १७११, २०१५ ओसरित्ता (अपसत्य) ज ५१५८ ओसह (ओषध) उ ३।१०१ ओसही (ओषधी) ज ४।२००३१ नगरी का नाम ओसा (दे०) प ११२३ ओसारिय (उत्सारित) उ ११३८ ओसोवणी (अवस्वापिनी) ज ५।४६,६७ ओहय (उपहत,अवहत) ज ३११०५,१०६,२२१ उश१५,३५,४१ से ४४,७१,३१६८ ओहस्सर (ओघस्वर) ज २११६,५१५१ ओहडिय (अवघटित) ज ११२४ ओवमिय (औपमिक) ज २१४,५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003579
Book TitleAgam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages394
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vrushnidasha
File Size7 MB
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