SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 365
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सारंग-साहारणसरीर सारंग (सारङ्ग) प ११५१ ज ३३३ साविट्ठी (धाविष्ठी) ज ७।१३७,१३८,१४१, सारकल्लाण (सारकल्याण) प २४३।१ १४७,१५०,१५४ सू १०७,८,२०,२३,२५,२६ सारक्ख (स-रक्ष) सारक्यति ज २१४६,५२, साविया (श्राविका) ज ७२१४ ५६ सारक्खिस्मति ज २११५६,१६१ सावत (धावयत ) ज ३११७८ सारक्खमाण (संरक्षत्) उ १५७,५८.८२,८३ सास (श्वास) ज २१४३ सारक्खिज्जमाण (मरथ्यमान) उ ३।४६ सास (मस्य,शम्) ज ७११२१४ सारक्खित्ता (मरक्ष्य) ज २४६ सासग (सत्यक,शरयक) प १२०१२ सारय (शारद) ज ३।११७ सासग (शामक) ज ३१३५ सारस (सारस) प ११७६ ज २।१२ उ ५१५. सासण (शासन) ज ३.८१,१५१ उ ११३६ सारहि (सारथि) ज ३१३५,१७८ सासत (शाश्वत) ३६१६४ सारिक्ख (सादृश्य) प २१६४।१८ सासय (शादत) ५ २१६४,२१६४।२०,२२; सारीर (शारीर) प ३५३१११,३२६,७ ३६।६३.६४,६४१ ज १११,४७,३।२२६; सारीरमाणस (शारीरमानस) प ३५१६,७ ४।२२,३४,५४,६४,१०२,१०७,११३,१५६, साल (शाल) ५ ११३५॥१,११४३।१,११४८११४,२४ १६१ ७२०८ से २१० सू २०१८,२०१८१८ सासवसमुग्गयहत्थगय (हस्तगत सर्षगसमुदात) सालंबण (सालम्बन) ज ३९ से १०१ ज ३१११ सालभंजिया (सरलभजिका) ज ११३७,५।३,२८ सासेंत (शासत्) - ३।१७८ सालवण (शामवन) ज २६ साह (साधय) साहेइ ३१५१ साला (दे०) १ ११३५,३६,११४८।३३,३७ साहटु (पहर) जे ३।१२ उ ११२२ सालि (शालि) प ११४५११ ज २१३७,३.११६; सिाहर (मं है) साइज २९५,३१२६,३६, ४।१३,७।१७८ ४७,१३३;५।२१,५८ साहरंति ज २१६६; सालिंगण (सागिन) र २०१७ ५।१५,७०,६८,११० साह ज २१६५,६७, सालिपिरासि (शालि पिप्टराशि) प १७११२८ १०६५।१४.८६ सागहि ज ५१६८ सालिसच्छियामच्छ (शालिसाक्षिकामत्स्य) प १५६ साहरिज्जमाण (गंल्लियाण) ४१०७ सालिरुय (सदृशक) सू २०१७ शाहरित्ता (हृत्य) जना सावइज्ज (रवापते ) ज २१२४,६४ साहस्तिय (सिक) तू १६०२३,२६ उ ३६१ सावगधम्म (श्रावकधर्म) उ ३१४५,७६,१०३.१०४; साहस्ती (जारनी प६० से ३३,३५,४१,४३, १४३,५:२० ४८ से ५६ ज ११४५२१४ से ७७,६०, सारण (याःण) ज २११३८,७४१०४.११४ १२६ ३१२२१,४।१७,१६,२०,११२,११३,१२६, सू १०।१२४,१२६ उ ३।४० १५०,१५१ १५६:११,५,६,१६,३६,४०, सारतेय (स्व:पतेय) ज २१६६ ४४८६,४६ से १३,१६,६५.६७, ७५५, सावत्थी (था यस्ती) प १६३।५७३।६ से ११,२१ ।। १३८,१८५ सू१८१४ से १७,२१,२३ सावय (श्वापद) ज २१३६ उ ३६,१२,२५,६० १५६,१६६:४१५,५।१० सावय (श्रावक) ज ७१२१४ साहारण (सारण) T११४६।५४,५५,६० सावयबहल (स्वापदवः, न) ज १११८ माहारणहरीर (साधारणारीर) ११:३२,४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003578
Book TitleAgam 22 Upang 11 Pushpachulika Sutra Puffachuliyao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pushpachulika
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy