SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 229
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४० तेया-णियकुमार तेया (तेजा) ज ७।१२०१२ १०८८।२ तेहिय (व्याहिक) ज २१६ तेयाल (त्रिचत्वारिंशत्) ज ११२३ तो (ततस् ) प २१२७३ तेयालीस (त्रिचत्वारिंशत् ) सू १०१५६ तो (दे०) प १५१ तेयासमुग्धाय (जससमुद्धात) प ३६.१,५,७,४० तोण (तुण) प ३१३१,३५,१७८ ज ३।३१,३५ तेयासरीर (तंजसशरीर) प २११८४ से ६३ १७८३११३८ तेयाहिय (त्र्याहिक) ज २०४३ तोमर (तोमर) ज ३।३५,१७८ तेरस (त्रयोदशन) ५ ३६।८१ ज १७ सू १११४ ।। तोयधारा (तोयधारा) ज ५।१५१,६३,६४ तेरसक (त्रयोदशक) सू १३११२,१३,१७ तोरण (तोरण) प २११,३०,३१,४१ ज ११३७, तेरसम (त्रयोदश) प१०।१४।३ सु १०।७७; २।१५,२०७३।७,१७८,१६५,४।५,२३,२७ से १३।१० ३०, ३५,३७,३८,४०,४२,६५,६७,७१,७३, तेरसविह (त्रयोदश विध) प १६७ ७५,७७,६० से २,९४,११८,१२८,१४४, तेरसी (त्रयोदशी) ज २८८७११२५ १७४,१८३,१८६,१६५,२२१,२४६ : ५३१ तेरिच्छिय (तैरश्चिक) प २०६१ ज ३।६२,११६ ति (इति) प ११ च ११४ तेलापूय (तैलापूप) ५ ३६८१ ज १७ सू ११४ स्थिभग (स्तिभक) प ११४८।१ तेलोवक (त्रैलोक्य) प ११११:३।१२५ से १७३, स्थिमिय (स्तिमित) ज ११२,२६,३।१,३,१८,३१, १७५,१७७ १८०चं ६ सू११ उ १११,६,२८, ३१५७; तेल्ल (नल) पश१०११७:१५शि२:१५।५० ५२४ __ ज ३।११।३,५११४ उ ३३१३० स्थिहु (स्तिभु) प ११४८।१ तेल्लकेला (तल केला) उ ३३१२८ थ तेल्लसमुग्य (नलसमुदग) ज ५१५५ तेल्लसमृग्गहत्थगय (हस्तगततैलसमुद्ग) ज ३१११ थंभणया (स्तम्भन) प १६१५३ तल्लोक (अलोक्य) उ ५५ थंभिय (स्तम्भित) प २१३०,३१,४१,४६ ज ३३६, तेवट्ठ (त्रिषष्टि) ज ७।२० मृ २।३ २२२,५१२१,२८ तेवछि (त्रिषष्टि) ज २६४ थिक्कार (दे०) थक्कारेंति ज ५१५७ तेवण्ण (त्रिपञ्चाशत् ) ५ ४११३४ ज ४१६२ यण (स्तन) २११५:३३१३८ उ ३।६८,१३०; सू ११३ तेवार (त्रिसप्तति) ज २।४ थणगंतर (स्तनकान्तर) उ ४३२१ तेवीस (त्रिविशति) प २१४६ ज २।१२५ सू२।३ थणपाय (स्त पाय) उ३।१३० तेवीस (त्रिविशतितम) प १०१४।३ थणमूल (स्ता मूल) उ ३१६८ तेवीसइम (त्रिविशतितम) प १०1१४१२ थणित (स्तनित) सू २०११ तेवीसतिम (त्रिविशतितम) सू १२।१६ थणिय (स्तलित) प२३०११,६४०।२,८,१० तेसट्ठि (त्रिषष्टि) ज ७३३ ज ५।२२ तेसीइ (त्र्यशीनि) ज २१६४ थणियकुमार (स्तनितकुमार) प १११३१,४१५५; तेसीत (त्र्यशीति) सू १२३ ५१३,८,५१,६।१८,५२,६१,८१,८५,१०२,१०६, तेसीति (यशीति) सू ११२३ ११४;७।३,८१३,६३,१५:१११४४,१२१२, तेसोय (न्यशीनि) मू१।१४ १६,१३।१५।१५।१६,७१,७८,८४,१३६; ४।६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003578
Book TitleAgam 22 Upang 11 Pushpachulika Sutra Puffachuliyao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pushpachulika
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy