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उवंगा निरयावलियाओ पढम अज्झयणं
सू०१ से १४२
पृ०७१५ से ७३६ उक्खेव-पदं १, कालीए चिता-पदं १२, भगवओ महावीरस्स समवसरण-पदं १६, कालीए पुच्छापदं २१, भगवओ उत्तर-पदं २२, कालीए मुच्छा-पदं २३ कालीए पडिगमण-पदं २४ कालकुमारस्स निरय-उववत्ति-पदं २५ चेल्लणाए दोहद-पदं २०, दोहद-संपन्नता-पदं ४२, गभसाडणचितणा-पदं ५०, पत्तफ्सव-पदं ५२, पुत्तस्स उक्कुरुडियाए उज्झणा-पदं ५४ सेणिएण पुत्तस्स परिचरिया-पदं ५६, पूत्तस्स कूणिएत्ति नाम-पदं ६३ कूणिएण सेणियस्स निगह पदं ६५, चेलगाए पडिबोह-पदं ७०, कूणियस्स निवेद-पदं ८८, सेणियस्स अपघाय-पदं ८६ कूपियस्स बिलावकरण-गद ६२, कूणिएण रायहाणी परिवतण-पदं ६३ वेहल्लस्स गंधहत्यिकीला-पदं १४, हार-गंधहत्थि-विवाद-पदं १८, वेहल्लस्स चेडग-सरणपदं १०५, कूणिएण दूय-पेसण-पदं १०७, कूणियस्स जुद्धसज्जा-पदं ११५, चेडगस्स जुद्धसज्जा-पदं १२७,
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