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________________ कीलग-कुप्पर कीलग (कोलक) ज ५। ३२ कीलण ( क्रीडन ) प २२४१ कीलावण ( क्रीडन) उ ?183 से ६६ कीस (स्मात् ) ११५७८२ कीमत) २८०४,३६,४२,४५, ३१; ३४१२० कुंभी (कुम्भी) ज ३१९२ कुक्कुड (कुक्कुट ) प ११५१११;१।७६ कुक्कुडि ( कुक्कुटी ) उ ११५६,३३,८४ कुक्कुह (दे० ) प ११५११ कुच्च (कचं ) प १३७५ 1 कुच्छ (कु) कुच्छ्रेज्जा ज २१६ कुच्छि (कुक्षि ) ( ११७५ कुंकुन (कुकुर) ३।३५ कुंकुमलुङ (कुंकुमपुट ) ४ १०७ उ ३६५३० कुंजर (कुञ्चर) त्र १३३७:२११०१ ३१३ ४४२७ कुच्छि ( कुक्षि ) : २१४३ अडतालीस आंगुल का मान कुच्छिमय (कुक्षिकृमिक ) प २०४९ कुत्तिय (कुक्षिथक्त्व ) प १३७५ कुज्जय (कुब्ज ) प १।३८११ कुजाय) ज १० ५.१२= कुंड (कुण्ड ) प १११२५ ज ४१२५,४०,६७,६८, ७१,७५,६०,६२,१३४ ते २७६,१८२,१८३, १८८, १८६,१६४८३१८ कुंडल ( कुण्डल) २१३०,३१,४१,४६.५०; 29122128:8.5,2.25,55,£3,250, २११,२२२,४१२०२५११८,२१.६७ सू १६।३१ कुंडलवर ( कुंडलवर ) सू १६।३१ कुंडलवरोद (कुंडलवरोद ) सू १६।३१ कुंडलवरोभास (कुंडलवरावास ) सू १६०३१,३२ कुंडलोद (कुण्डलोद) सु १६३१ कुंल ( कुत्त ) प १४१ ज ३।१७८ कुंलग्ग (कु) २०११५,११६ कुंतगाह (कुताह) ज ३।१७८ कुंथु (कु) १५० कुंद (कुन्द) प १३= ३६ २२३१,१११२८ ज २११०.१५६३१३.१२.३५६ ५५ कुंद (लता) (वृन्दलता ) प १३६११ कुंदरुव (कुद) १६५, और उनका फर की कुंदुरुक्क (कुरु) ३०,३६,०१ ज ३०.१२०५६ २०१७ कुंभ (कु) ३.४६.१२०.१४५,७१७८ उ ११६७ कुंभम्गल (मानमम् ) ११०२.११० कुंभिक्क (भिमा) ज ५३८ Jain Education International एक बनती है ८८१ For Private & Personal Use Only २६,६३ २०२ (त) ज ३१६,२२२ कुट्ठायारण ( कुस्थानामन) २।१३३ कुडगछल्ली ( कुटज छल्ली ) १ १७/१३० कुडगyoफरासि (कुप्पराशि ) प १७ १२८ कुडगफल (कुट फल ) १७११३० कुडगाणि (फाणित ) प १३१३० कुडभी ( कुडमी) अ ११४३ कुडय (कुट ) प ११३६१३, ११४११२:१७ १३० ज ३१३५ कुटुंब ( कुटुम्ब ) न ३१११.१३,५०,५५ कुटुंबावरिया (कुटुम्बजार) उ १।१५ १४८७६६६.१०६,१३१ कुडाय ( ) ( कुस्तुम्) ११४८४३ कुक (कु) प १४३ कुमाल (कुणाला ) प ११९३५ कृमि (दे० कुणप ) ज २९१४६ कृमिहार ( 'कृषि महार) ज २१३५ ते १३७ कुत्र ( कुस्कुम्भरी) ११३६१२,३७१२ कुल (दर्शन) १११०१।१३ (कुदृष्टि ) प १ । १०१।११ कुपमा ( कुप्रमाण ) ज २:१३३ कुप्पर (र) ज २२,३५,३६,४४ www.jainelibrary.org
SR No.003575
Book TitleAgam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Nirayavaliao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages415
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_nirayavalika
File Size8 MB
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