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अंतगडदसाओ नवरं- देवाणुप्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि। तो पच्छा देवाणुप्पियाणं
अंतिए मुंडा भवित्ता अगाराप्रो अणगारियं पव्वयामि ।। २०. तए णं से गोयमे कुमारे एवं जहा मेहे जाव' अणगारे जाए–इरियासमिए'
जाव इणमेव निग्गंथं पावयणं पुरसो काउं विहरइ ।। २१. तए णं से गोयमे अण्णया कयाइ अरहयो अरिट्ठनेमिस्स तहारूवाणं थेराणं
अंतिम सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाइ अहिज्जइ, अहिज्जित्ता बहुहि च उत्थ- छठुट्ठम-दसम-दुवालसेहिं मासद्धमासम्खमणेहिं विविहेहिं तवोकम्मेहि
अप्पाणं ० भावेमाणे विहरइ ।। २२. 'तए णं' अरहा' अरिद्वनेमी अण्णया कयाइ बारवईयो नयरीमो नंदणवणाओ
पडिणिक्खमइ, वहिया जणवयविहारं विहरइ ।। २३. तए णं से गोयमे अणगारे अण्णया कयाइ जेणेव अरहा अरिटुनेमी तेणेव उवा
गच्छद, उवागच्छित्ता अरहं अरिट्टनेमि तिक्खुत्तो प्रायाहिण-पयाहिणं करेइ, करेत्ता वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी इच्छामि गं भंते ! तुम्भेहिं अत्भणुग्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए। एवं जहा खंदनों तहा वारस भिक्खपडिमानो फासेइ। गुणरयणं पि तवोकम्म तहेव' फासेइ निरवसेसं । जहा“ खंदनो तहा" चितेइ। तहा यापुच्छइ । तहा
थेरेहि सद्धि सेत्तुंज" दुरूह ।। २४. •तए णं से गोयमे अणगारे वारस वासाइं" सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासि
याए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सढि भत्ताइ अणसणाए छेदित्ता जाव'
केवलवरणाणदंसणं समुप्पाडेत्ता तो पच्छा ° सिद्धे ।। निक्खेव-पदं २५. एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव" संपत्तेणं अट्ठमस्स अंगस्स ___ अंतगडदसाणं पढमस्स वग्गस्स पढमस्स अज्झयणस्स अयम? पण्णत्ते ।।
१. सं० पा०-आपुन्छामि देवाणुपियाणं। ६. भग० २।५७-६८1 २. ना० १.१३१४६-१५१ ।
१०. जधा (ख)। ३. रियासपिए (क); इरियासमिते (ख); ११. तधा (ख, ग)! रियासमिए (ग)।
१२. सेत्तुज्ज (क, ख, ग)। ४. ना० १।१।१६४।
१३. सं० पा० --मासियाए संलेहणाए बारस. ५. अहिज्जेइ (ख, ग)।
वासाई परियाए जाब सिद्धे । ६. सं. पा०-च उत्थ जाव भावेमाणे। १४. वरिसाई (ख); वरिसा य (ग)। ७. ता (क); ते (ख)।
१५. भ. ६१५१ । ८. अरिहा (ख, ग)।
१६. ना० १११।
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