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एक्कारसं सतं (दसमो उद्देसो)
५०७ १०४. अहेलोगखेत्तलोगस्स णं भंते ! एगम्मि अागासपदेसे कि १. जीवा २. जीवदेसा
३. जीवपदेसा ४. अजीवा ५. अजीवदेसा ६. अजीवपदेसा? गोयमा! नो जीवा, जीवदेसा वि, जीवपदेसा वि, अजीवा वि, अजीवदेसा वि, अजीवपदेसा वि। जे जीवदेसा ते नियम १. एगिदियदेसा २. अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे ३. अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियाण य देसा। एवं मन्भिल्लविरहियो' जाव अहवा एगिदियदेसा य अणिदियाण य देसा। जे जीवपदेसा ते नियम १. एगिदियपदेसा २. अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियस्स पदेसा ३. अहवा एगिदियपदेसा य बेइंदियाण य पदेसा, एवं पाइल्लविरहिरो' जाव पंचिदिएसु, अणिदिएसु तियभंगो। जे अजीवा ते दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-रूवी अजीवा य, अरूवो अजीवा य । रूबी तहेव । जे अरूवो अजोवा ते पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-नोधम्मत्थिकाए धम्मत्थिकायस्स देसे, धम्मत्थिकायस्स पदेसे, "नोअधम्मत्थिकाए अधम्मत्थि
कायस्म देसे, अधम्मत्थिकायस्स पदेसे, अद्धासमा ।। १०५. तिरियलोगखेत्तलोगस्स णं भंते ! एगम्मि आगासपदेसे कि जीवा?
एवं जहा' अहेलोगखेत्तलोगस्स तहेव, एवं उड्ढलोगखत्तलोगस्स वि, नवरं -
अद्धासमयो नत्थि । अरूबी च उब्विहा ।। १०६. .लोगस्स णं भंते ! एगम्मि मागासपदेसे कि जीवा ?
जहा अहेलोगखेत्तलोगस्स एगम्मि अागासपदेसे ।। १०७. अलोगस्स णं भंते ! एगम्मि अागासपदेसे--पुच्छा।
गोयमा ! नो जीवा, नो जीवदेसा, "नो जीवप्पदेसा; नो अजीवा नो अजीव देसा, नो अजीवप्पदेना; एगे अजीवदव्वदेसे अगरुयल हुए ' अणंतेहिं अगरुयल
हुयगुणेहिं संजुते सव्वागासस्स प्रणंतभागूणे ।। १०८. दवओ णं अहेलोगवेत्तलोए 'अणंता जीवदव्वा, अणंता अजीवदव्वा", अर्णता
१. 'अहवा एगिदियदेसा य इंदियस्स य देसा' समुद्घात पिना एकस्य जीवस्य एकप्रदेश.
इत्येवं रूपो यो मध्यमभङ्गः तद्विरहितोसी सम्भवोऽसङ्ख्यातानामेव भावात् (वृ)। त्रिकभङ्गः। मध्यमभङ्गकस्य असम्भवात् ४. सं० पा०-एवं अधम्मत्थिकायस्स वि । तथाहि द्वीन्द्रियस्स एकत्राकाशप्रदेशे बहवो ५, भ० ११४१०४।
देशा न सन्ति, देशस्यैवभावात् (वृ)। ६. सं० पा०- लोगस्स। २. जाव अणिदिएसु जाव (अ, क, ता, ब, म)। ७. सं० पा०-तं चेव जाय अगतेहिं। ३. 'अहवा एगिदियपदेसा य वेइंदियस्स य पदेसे' ८. अणताइं जीवदव्वाइं अणताइं अजीवदवाई
इत्येवंरूपाद्यभङ्गाविरहित: त्रिकभङ्गः, (क, ब, म)। तथाहि नास्त्यव एकत्राकाशप्रदेशे केवल
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