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________________ २८६ भगवई ८६. से केणद्वेणं जाव नो तं वेदिस्संति ? गोयमा ! कम्मं वेदिस्संति, नोकम्मं निजरिस्संति । से तेणद्वेणं जाव नो तं निज्जरिस्संति ॥ ८७. एवं नेरइया वि जाव वेमाणिया ।। ८८. से नणं भंते ! जे वेदणासमए से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए से वेदणा समए ? णो इण? समढे ॥ ८६. से केपट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ-जे वेदणासमए न से निज्जरासमए ? जे निज्ज रासमए न से वेदणासमए ? गोयमा ! जं समयं वेदेति नो तं समयं निज्जरेंति, जं समयं निज्जरेंति नो तं समयं वेदेति-अण्णम्मि समए वेदेति, अण्णम्मि समए निज्जरेंति । अण्णे से वेदणासमए, अण्णे से निज्जरासमए। से तेण?णं जाव न से वेदणासमए, न से निज्जरासमए॥ ६०. नेरइया णं भंते ! जे वेदणासमए से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए से वेदणासमए? गोयमा ! णो इणद्वे सम? ।। ६१. से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ---ने रझ्या णं जे वेदणासमए न से निज्जरासमए ? जे निज्जरासमए न से वेदणासमए ? गोयमा ! नेरइया णं जं समयं वेदेति नो तं समयं निज्जरेंति, जं समयं निज्जरेंति नो तं समयं वेदति-अण्णम्मि समए वेदेति, अण्णम्मि समए निज्जरेति । अण्णे से वेदणासमए, अण्णे से निज्जरासमए । से ते णटेणं जाव न से वेदणासमए । ६२. एवं जाव वेमाणियाणं ।। सासय-प्रसासय-पदं ६३. नेरइया णं भंते ! कि सासया ? असासया ? गोयमा ! सिय सासया, सिय प्रसासया ।। ६४. से केपट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ - नेरइया सिय सासया ? सिय असासया ? गोयमा ! अव्वोच्छित्तिनयट्टयाए सासया, वोच्छित्तिनयट्टयाए असासया। से तेण?णं जाव सिय सासया, सिय प्रसासया ॥ ६५. एवं जाव वेमाणिया जाव सिय प्रसासया ।। ६६. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति। १. भ. ११५१। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003561
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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