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भगवई
१५६. मूलं पास इ ? खंधं पासइ ? च उभंगो ॥ १६०. एवं मूलेणं जाव ?] बीजं संजोएयव्वं ॥ १६१. एवं कदेण वि समं संजोएयव्वं जाव बीयं ।। १६२. एवं जाव पुप्फेण समं बीयं संजोएयव्वं ।। १६३. अणगारे णं भंते ! भाविअप्पा रुक्खस्स किं फलं पासइ ? बीयं पासइ ?
चउभंगो।।
वाउकाय-पदं १६४. पभू णं भंते ! वाउकाए एगं महं इत्थिरुवं वा पुरिसरूवं वा [प्रासरूवं वा ?]
हत्थिरूवं बा जाणरूवं वा जुग्गरूवं वा गिल्लिरूवं वा थिल्लिरूव वा सीयरूवं वा संदमाणियरूवं वा विउवित्तए ? गोयमा! नो इणढे समटे । वाउकाए' णं विकुव्वमाणे एगं महं पडागासंठियं
रूवं विकुब्वइ । १६५. पभू णं भंते ! वाउकाए एगं महं पडागासंठियं रूवं विउव्वित्ता प्रणेगाइं जोय
णाइं गमित्तए ? हंता पभू॥
१. एवमिति मूलकदसूत्राभिलापेन मूलेन सह २५. त्वक् शाखा २६. त्वक् प्रवाल
कंदादिपदानि वाच्यानि यावबीजपदम् । तत्र २७. त्वक पत्र २८. त्वक् पुष्प मूलम्, कंदः, स्कन्धः, त्वक, शाखा, प्रवालम्, २६. त्वक फल ३०. त्वक् बीज पत्रम्, पुष्पम्, फलम्, बीजम चेति दश पदानि, ३१. शाखा प्रवाल ३२. शाखा पत्र एषां च पञ्चचत्वारिंशद् द्विकसयोगाः भङ्गाः- ३३. शाखा पुष्प ३४, शाखा फल १. मूल कंद २. मूल स्कंध ३५. शाखा बीज ३६. प्रवाल पत्र ३. मूल त्वक् ४. मूल शाखा ३७. प्रवाल पुष्प ३८. प्रवाल फल ५. मूल प्रवाल ६. मूल पत्र
३६. प्रवाल बीज ४०. पत्र पुष्प ७. मूल पुष्प ८. मूल फल
४१. पत्र फल ४२. पत्र बीज ६. मूल वीज १०. कंद स्कंध
४३. पुष्प फल ४४. पुष्प बीज ११. कंद त्वक् १२. कंद शाखा ४५. फल बीज (वृ): १३. कंद प्रवाल १४. कंद पत्र २. चउभंगो एवं (ना)। १५. कंद पुष्प १६. कंद फल ३. १७६ सूत्रे 'आसरूव' इति पाठो विद्यते १७. कंद बीज १८. स्कंध त्वक
वृत्तावपि तस्योल्लेखोस्ति, तेनात्रापि १६. स्कघ शाखा २०. स्कंध प्रवाल संभाव्यते। २१. स्कंध पत्र २२. स्कंध पुष्प ४. खिल्लि (क)। २३. स्कंध फल २४. स्कंध बीज ५. वाउयाए (क, ता)।
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