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पढमं सतं (दरामो उद्देसो)
जा सा पुवि भासा प्रभासा । भासिज्जमाणी भासा भासा भासासमयवितिक्कतं च णं भासिया भासा प्रभासा । सा किं भासनो भासा ? अभासप्रो भासा ?
भासग्रोणं भासा, नो खलु सा प्रभासग्रो भासा
पुव्वि किरिया दुक्खा । कज्जमाणी किरिया दुक्खा । किरिया समयवितिक्कतं च णं कज्जमाणी किरिया श्रदुक्खा 1
जा सा पुव्विं किरिया प्रदुक्खा । कज्जमाणी किरिया दुक्त्वा । किरियासमय वितिक्कतं च णं कज्जमाणी किरिया दुक्खा । सा किं करण दुक्खा प्रकरण दुक्खा ? ०
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करणो णं सा दुक्खा । नो खलु सा प्रकरण दुक्खा - सेवं वत्तव्वं सिया । किच्चं दुक्खं, फुसं दुक्खं, कज्जमाणकडं दुक्खं, कट्टु-कट्टु पाण-भूय-जीवसत्ता वेद वेदति---इति वत्तव्वं सिया ||
इरियावहिया - संपराइया-पदं
४४४. अण्णउत्थिया णं भंते । एवमाइक्खति, एवं भासंति एवं पण्णवेति, एवं परूवंति - एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरिया पकरेति, तं जहा - इरियावहियं च, संपराइयं च ।
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जं समयं इरियावहियं पकरेइ, तं समयं संपराइयं पकरेइ ।
• "जं समयं संपराइयं पकरेइ, तं समयं इरियावहियं पकरेइ ।
staraहियाए पकरणयाए संपराइयं पकरेइ |
संपराइयाए पकरणयाए इरियावहियं पकरेइ ।
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४४५. से कहमेयं भंते ! एवं ?
एवं खलु एगे जीवे एगेणं समणं दो किरिया पकरेति तं जहा - इरियावहियं च, संपराइयं च ॥
कज्जति । दुहा कज्जमागा एगयओ दुपएसिए खंधे - एगयओ व दुपए सिए खधे | अहवा एगओ तिपएसिए खंभे - एगयओ परमाणुपोग्गले भवइ ।
गोयमा ! जण ते श्रण्णउत्थिया एवमाइक्खति, एवं भासति एवं पण्णवति,
तिहा कज्जमारणा एगयओ दुपए सिए खंधे--- एगयओ एगे एगे परमाणुपोग्गले भवइ । चउहा कज्जमाणा चत्तारि परमाणुपोगला भवंति
१. सं० पा० - जहा भासा तहा भारिणयव्वा किरिया विजाव करणओ ।
२. सं० पा०-- एवमा इक्खति जाव एवं । ३. रिया ( अ, ता, व, म) ।
४. सं० पा०--- परउत्थियत्तव्वं शेयत्वं ससमयवत्तब्वयाए रोयव्वं जाव इरियावहियं; 'क', 'ता' संकेतितयोरादर्शयोवृत्तौ च संक्षिप्तपाठो लभ्यते । शेषादर्थेषु वृत्तिकृता विस्तारं नीतः
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