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________________ छवीस इमं सतं (बीओ उद्देसो) ९८१ २४. सम्मामिच्छादिट्ठी -पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बधी न बंधइ वंधिस्सइ, अगतिए बंधी न बंध न बधिस्सइ । नाणी जाव प्रोहिनाणी चत्तारि भंगा। मगपज्जवनाणी-पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए वंधी न बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ। केवलनाणे चरिमो भंगो। एवं एएणं कमेणं नोसण्णोवउत्ते वितियविहणा जहेव मणपज्जवनाणे । अवेदए अकसाई य ततिय-च उत्था जहेव सम्मामिच्छत्ते । अजोगिम्भि चरिमो, सेसेसु पदेसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोव उत्त ।। २६. नेरइए णं भंते ! ग्राउयं कम्म कि बंधी - पुच्छा। गोयमा ! अत्थेगतिए चत्तारि भंगा, एवं सव्वत्थ वि ने रइयाणं चत्तारि भंगा, नवर-- कण्हतलारसे कण्हपक्खिए य पढम-ततिया भंगा; सम्मामिच्छत्ते ततियचउत्था । असुरकुमारे एवं चव, नवरं-कण्हलेस्से वि चत्तारि भंगा भाणियब्वा, सेसं जहा नेरझ्याणं । एवं जाव थणिय कुमाराण । पुढविक्काइयाणं सव्वत्थ वि चत्तारि भंगा, नवरं - कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा ।। २७. तेउलस्से - पुच्छा। गोयमा ! बंधो न बंधइ वंधिस्सइ, सेसेसु सव्वत्थ चत्तारि भंगा। एवं ग्राउक्काइय-वणस्सइकाइयाण वि निरवसेसं। तेउकाइय-वाउक्काइयाण सव्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा । बेइंदिय-तेइंदिय-चरिदियाणं पि सम्वत्थ वि पढम-ततिया भंगा, नवरं-सम्मत्ते, नाणे, अाभिणिवोहियनाणे सुयनाणे ततिग्रो भंगो। पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हपक्खिए पढम-ततिया भंगा, सम्मामिच्छत्ते ततियच उत्थो भंगो । सम्मत्ते, नाणे, प्राभिणिवोहियनाणे, सुयनाणे, मोहिनाणेएएसु पंचसु वि पदेसु वितियविहूणा भंगा, सेसेसु चत्तारि भंगा। मणुस्साणं जहा जीवाणं, नवरं सम्मत्ते, प्रोहिए नाणे, आभिणिबोहियनाणे, सुयनाणे, प्रोहिनाणे –एएसु बितियविहूणा भंगा, सेसं तं चेव । वाणमंतर-जोइसिय-वैमाणिया जहा असुरकुमारा । नाम गोयं अंतरायं च एयाणि जहा नाणावरणिज्जं ॥ २८. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ ॥ बीअो उद्देसो विसेसितनेरइयादीणं बंधाबंध-पदं २६. अणंतरोववन्नए णं भंते ! नेरइए पावं कम्मं किं बंधी-पुच्छा तहेव । गोयमा ! अत्थेगतिए बंधी, पढम-बितिया भंगा॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003561
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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