SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 969
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८६२ गम्भवसहि-गवेसित्ता ५११६ गयवति (गजपति) ज ३।१२६।२ गयवर (जवर) ज ३।६१ गयविक्कम (गजविक्रम) ज ७।१३३।३ गयविकामसंठिय (गजविक्रमसंस्थित) सू १०॥५३ गरह (गर्ह ) रहंति उ ३।११७ गरहेहि उ३।११५ गरहिज्जमाण (गर्ह यमान) उ ३।११८ गराइ (गर) ज ७।१२३ से १२५ गरुय (गुरुक) प ११४ से ६३।१८२,५१५,७, २०६;१५।१४,१६,२७,२८,३२,३३,२८।२०, गरुयत्त (गुरुकल) प १५१४४,४५ गरुयलहुयपज्जव (गुरुक नघुक पर्यव) ज २१५१, ५४,१२१,१२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४, गब्भवसहि (गर्भवसति) प २१६४ गभिणी (गभिगी) ज ३।३२ गम (गम) प १५॥१४३ ; २३।१६७ ज २१५६, १५६;३।३,१८३,२०३,२१७;४।१३६, १४०११,१६७,२४३,५।४० सू ८।१ गमण (गमन) ज ३१६,३५,८५,१८३ उ ११४२, ८८,१२६;३।१२७,१२८ गमणिज्ज (गमनीय) ज २०६४;३।१८५,२०६; ५।५८ गमय (गमक) प ५१७६,१७।२८,३५ गमित्तए (गन्तुम् ) उ ४।११ गय (गज) प २।३० ज २।१५,६५,३।१५,१७, २१,२२,३१,३४ से ३६, ७७,७८,६१,१७३, १७५,१७७,१७८,१६६ उ १११२३,१३८; ५।१८ गय (गत) प २।४१:१७।१०६,१११;२११५५ ज २११५,३।१८,१३८,७।१३३।३,१३५ चं १११,२ उ ११२५,४६,५१,५४,६४,७६,७९ ८८,८६,६७,१११.११२,१२१,१३८,२।६; ३।१५,३५,५१,५६,८४,१२१,१६२,४।२४; ५।१७,२०,२७,३१,४० गयंद (गजेन्द्र) चं १११ गयकण्ण (गजकर्ण) प १८६ गयकलभ (गजकलभ) प १७४१२३ गयछाया (गजछाया) प १६।४७ गयण (गगन) ज ३।३ गयणतल (गगनतल) ज ५।४३ गयतालुय (गजतालुक) प १७४१२६ गयदंत (गजदन्त) ज ३।३५,४।१०३,७।१३३।३ गजदंतसंठिय (गजदंतमंस्थित) सू १०५१ गयपुर (गजपुर) पश६३।२ गयमारिणी (जमारिणी) प ११३७५ गयरूवधारि (गजरूपधारिन् ) ज ७।१७८ सू १८।१४ गयवइ (गजपति) प २१४६ ज ३।१७,१२६।२, १७७,१८३,२०१,२१४ उ १११२४,१३१; गरुल (गरुड) प २३०,३१ ज ३।१०६;४।२०८ च ११२ गरुलम्वूह (गरुडव्यूह) उ १११४,१५,२१,१३६, १४० गल (मल) ज २०१५७१७८ गल (गलत् ) चं ११ गिल (एल) मलाइ उ १३५१ गलय (कालत्) ज ७।१७८ गललाय (गलल त) ज ३।१७८,७।१७८ गल्ल (गल्ल) ज ५।१८ गवक्ख (गवाक्ष) ज ११६२२०४।६ गवय (गवय) प ११६४ ज २१३५ गवल (गवल) प २।३१,१७।१२३ ज ३।२४ गवलवलय (गवलवलय) प १७११२३ गवेलग (गवेलक) ज ३११०३ गवेलय (गवेलक) ज २।१३१ गवेस (वेस्) बेसइ उ ३।११४ गवेसग (गवेषक) ज ३।१०६ गवेसणा (गवेषणा) ज ३१२२३ सु २०१७ गवेसित्ता (गवेषयित्वा) उ ३।११४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy