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________________ ८४० अहवा ( अथवा ) प १।१०३ ज २।६६ सू १०।१२० उ १।११५ अहाछंद ( यथाछन्द) उ३।१२० अहाछंदविहारि ( यथाछंदविहारिन् ) उ३।१२० अहापरुिव ( यथाप्रतिरूप ) उ १२:३।२६,६६, १३२; ५।२६ अहावी ( यथानुपूर्वी) ज ३१७८, १७६,२०२, २१७५।४३ अहाबायर (यथा बादर ) ज ३११२२; ५।५,७ अामालय (यथामालिक ) ज ३१६ अहारिह ( यथार्ह) उ ३।११५ अहासु ( यथासुख) उ ३।१०३,११२,१३६, १४७, १४८ ४१११, १४, १५, १६ अहासुम ( यथासूक्ष्म ) ज ३।१९२ अहि (अहि) प १६८,६६, ७१ ज० २०४१ अहिंग ( अधिक ) सू ११२७; १५।२४,२५ अहिगम ( रुइ ) ( अधिगमरुचि ) प १।१०१।१ अहिगमरुs (अधिगमरुचि ) प १।१०१1८ अहिगरणिया (आधिकरणिकी ) प २२१,३,४८, ५३ से ५६,५८,५६ अहिगरणिसंठिय (अधिकरणीसंस्थित) ज ३६४, १३५,१५८ अहिगरणी (अधिकरणी ) प २२।४८ अहिछत्ता ( अहिछत्रा ) प १।३।२ ~ अहिज्ज ( अधि + इ) अहिज्जइ उ २ १०; ३११४; ५२८ अज्जित (अधीयान) प १।१०१६ अहिज्जित्ता (अधीत्य ) उ २ (१०;३।१४; ५।३६ हि (अधिक) २२७/२; १३।२२।२; २३।१४७, १५८,१६२,१६५ ज २।१३१; ३।३६,७६,११७, २२२;४।१४६; ७।२७,२६,३० सू १११४, १६, २१,२४;६।१; १५।२८,३१,३२; १६।११।१ अहियास ( अधि + सह, आस्) अहियासिज्जति उ ५।४३ अहियासेइ ज २।६७ अहिलाण (दे० ) ज ३|१०६,१७८ घोड़े के मुंह पर Jain Education International अहवा - अहोसिर बांधे जानेवाला अहिवs ( अधिपति) ज ३।२६,३६,१५६ ५ १८,४६ अहिसलाग (दे० ) प १।७१ अहीण ( अहीन) उ५।४५ अहीय (अधीत ) उ३१४८, ५० अणोववण (अधुनोपपन्न) उ३।१५,८४,१२१, १६२ अहे (अधस् ) प २।२० से २७, २७ ३,२।३०,३१, ४१ ; ११।६५,६६, ६६।१; १६।५५ ; २१८७, ६०, ६१२८१५, १६,६१,६२,३३।१६ ज २१६५,७१; ७।५४,१६८।१ सू २।१; ४|१०; १६।२२; २०११,२१।४६; ३ |५६, ६४,६८,७१,७४ अहे (अथ) उ३।५१।१ अहेतु (अहेतु ) प ३० | २७,२८ अदिसा (अधोदिशा ) प ३।१७६,१७८ अहेलोइय (अधोलौकिक ) प २१/६२, ६३ अहेलो (अधोलोक ) प ० ३।१२५ से १७३, १७५, १७७ असत्तमा ( अधः सप्तमी ) प ३।१७, १८, ४।२२ से २४,६।१६,५१,६०,८०,८८,६१,६२,१००, १०६ १०१२,३,१६२६, २०१७, ४३, ५७ ; २१५२,५६,६७,८७ ३०१२६; ३३१६, १७ असत्तमापुढवि ( अधः सप्तमी पृथ्विी) प० २०।५२ अहो ( अहो ) ज ३ | १२६ उ १।६२५।२२ अहोरत (अहोरात्र ) ज २२४,६६,७ २० से २४, २६ से २६,१२२,१२६,१२७,१३४।१, १३५।१ से ४,१५६,१५७,१६० सू ११४, १६,२१,२४,२७, २३ : ६।१; ८।१; १०।३,६३ से ७४,८४,१३४; १२२ से ५, १२; १५।११, १२,२६ से ३१,३४ अहोलोग (अधोलोक ) ज ५।१ से ३,५ अहोलोय (अधोलोक ) प २।१,४,१०,१६ से १६,२८ अहोवा ( अधोवात ) प १२६ अहोसिर ( अधः शिरस् ) ज ११५; २१८३ उ०१३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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