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________________ गाहा अंतकिरिया - पदं वीसइमं अंतकिरियापयं १ रइय अंतकिरिया, २ अनंतरं ३ एगसमय ४ उव्वट्टा | ५ तित्थगर ६ चक्कि ७ बल, ८ वासुदेव मंडलिय १० रयणा य ॥ १ ॥ ह १. जीवे णं भंते ! अंतकिरियं करेज्जा ? गोयमा ! अत्थेगइए करेज्जा, अत्थेगइए करेज्जा । एवं रइए जाव वेमाणिए । २. रइए णं भंते ! णेरइएस अंतकिरियं करेज्जा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे ॥ ३. रइए णं भंते! असुरकुमारेसु अंतकिरियं करेज्जा ? गोयमा ! णो इणट्ठे समट्ठे ! ४. एवं जाव माणिए, णवरं - मणूसेसु अंतकिरियं करेज्ज त्ति पुच्छा । गोयमा ! अत्थेगइए करेज्जा, अत्थेगइए णो करेज्जा | ५. एवं असुरकुमारे जाव वेमाणिए । एवमेते' चउवीसं चउवीसदंडगा || अनंतर - पदं ६. रइया णं भंते ! कि अनंतरागता अंतकिरियं करेंति ? परंपरागया अंतकिरिय करेंति ? गोयमा ! अनंतरागया वि अंतकिरियं करेंति, परंपरागता वि अंतकिरियं करेंति । एवं रयणप्पभापुढविणे रइया वि जाव पंकप्पभापुढविणेरइया ॥ ७. धूमप्पभापुढविणेरइया णं भंते ! पुच्छा । गोयमा ! णो अनंतरागया अंतकिरिय करेंति, परंपरागया अंतकिरियं करेंति । एवं जाव असत्तमापुढविणेरइया ॥ ८. असुरकुमारा जाव थणियकुमारा पुढवि-आउ-वणस्सइकाइया य अनंतरागया वि अंतरिय करेंति, परंपरागया वि अंतकिरियं करेंति । तेउ वाउ- बेइंदिय-तेइंदिय- चउरिंदिया णो अनंतरागया अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया अंतकिरियं पकरेंति । सेसा अनंतरागया व अंतकिरियं पकरेंति, परंपरागया वि अंतकिरियं पकरेंति ॥ 1 Jain Education International एगसमय-पदं ६. अनंतरागया णं भंते! णेरइया एगसमएणं केवतिया अंतकिरियं पकरेंति ? १. बलदेव (क, ख ) । २. एवमेव (क, ग, घ ) ; एवामेव ( ख ) । For Private & Personal Use Only २५१ www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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