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________________ २० (अ,ब) ३।११ ३१२० ३२० ३३२१ ३१२२ ३।२३ ३१२४ ३१२६ ३३३५ ३॥३५ ३।३५ कडुच्छ्य. दुरुहइ बंभयारी दुरूढे बोल °बालचंद तंडं अंतवाले °पट्टसंगहिय °खिखिणी अयोज्झं ३।३५ ३।३५ ३३३५ ३७७ ३।११७ ३।११७ ३११३८ सोयामणि प्पगासं वीसुतं °चिंधपट्टे °मिरीई उऊण °हिदय (क ,स) °कडिच्छुय (ख); कडेच्छुय (अ,ब,स) द्रुहइ (अ,ब) पम्हचारी (अ,त्रि,ब) रूढे (अ); द्रुढे (ब) पोल बालयंद (स) 'तोंड (क,पस) अंतपाले (अत्रि,ब); अंतेवाले (क,ख) °वट्टसंगहिय (अ,ब) किंकिणी (क,ख,स) अजोज्झं (अ,ब); अओझं (क,ख,प,स); अवोझ (त्रि) सोतामणि (क); सोदामणि (ख,स) प्पकासं (अ,क,ख,त्रि,ब,स) विस्सुतं (क,स) चिधवट्टे (ब) मरीई (त्रि) उदूण (अ,ख,ब); रिदूण हियय° (अ,त्रि,प,ब); °हितय° (क,स); हदय (ख) निहितो (अ,त्रि,ब); °निहओ (ख,स) अभिसेयपेढं (अ,ब) गंठिम (त्रि,प) तिसोमाण (अ,ब) काकिणि (अ); कागिणि° (ब); काकणि° (स) पुवकड (क,स) ईहापूह (अ,क,ख,स); ईहावूह (पुत्र) बासर्टि हस्सतराए दाहिणणं (त्रि) हरिवस्सं (अ,प,ब) संखदल (प,शावृ,पुवृपा) पायाले (अ,ब) बायालीसे (त्रि) णिसअस्स सीओता (अ,ब); सीओदा (त्रि); सीओआ (प) पिउत्तरे ३।१७८ ३।१६४ ३।२११ ३।२१४ ३२२२० ३।२२१ ३२२२३ ४।३६ ४।५४ ४१५५ ४७७ ४१८५ ४॥८६ ४।८७ ४।६१ ४।६३ निहिओ अभिसेयपीढं गंथिम तिसोवाण कागणि पुवकय° ईहापोह बावर्द्धि हस्सतराए दक्खिणेणं हरिवासं संखतल° बायाले णिसहस्स सीतोदा विउत्तरे (अ,ब) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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