________________
१०५६
संघरिससमुट्ठिय-संठित
संघरिससमुठ्ठिय (संघर्षसमुत्थित) प ११२६ संजायसड्ढ (संजातश्रद्ध) ज ११६ संघाइम (संघातिम) ज ३।२११
संजुत्त (संयुक्त) प १५१५७ संघाड (संघाट) प ११४८१६२
संजोग (संयोग) प २१।१।१ ज ५१५७;७।१३४१२,३ संघाडय (संघाटक) उ ३।१००,१३३
संजोय (संयोग) प १८४; १६।१५ संघात (सं!- घातय) संघातेंति सू १११८ संजोयणाहिकरणिया (संयोजनाधिकरणिकी) संघाय (मंघात) प ११४७।२,३ ज ७१७८
प २२।३ संघाय (सं-घाय) संघाएंति प ३६।६२ संझन्भराग (सन्ध्याभ्रराग) प १७।१२६ संचय (संच ) ज २।१६,३११६७।१४
संझा (सन्ध्या ) प २१४०।११।। संचाय (
स मक) संचाएइ उ १६५२,३।१०६ संठाण (संस्थान) प ११४ से ६,४७११, २०२० से जंचाएमा प२०११७,१८,३४ संचाएमि
२७,३०,३१,४१,४८ से ५०,५४,५८ से ६०, उ ११६५; ३।१३१ संचाएमो उ ११६६
६४,६४११,४,५,६,१०।१५ से २४,२६ से संचाएहिइ उ ३।१३०
३०;१५।१११,१५।२ से ६,१८,१६,२१,२६, संचारिम (संचारित) ज ३।११७
३०,३५,२१११।१,२११२१ से ३७,५६ से ६२, /संचिट्ठ (सं| ष्ठा) संचिट्ठइ उ ११३८,३१५६ ७३,७८ से ८०,६४, २३११००,१६०;३०।२५, चिटुसि उ १८६,३७६
२६; ३३।१।१,३३।२१ से २३,३६।८१ ज ११५, संचिय (सञ्चित) प २३।१३ से २३ ज ३।२२१ ७,८,१८,२०,२३,३५,५१:२।१६,२०,४७, संछण्ण (संछन्न) ज ४।३,२५
८६,१२३,१२८,१४८,१५१,१५७,३।३,६५, संजत (संयत) प ३।१०५६।९७,६८,२११७२;
१५६,४।१,३६,४५,५५,५७,६२,६६,७४,८४, ३२।६।१
८६,६१,६७,६८,१०१,१०२,१०३,१०८,११०, संजतासंजत (संयतासंथत) प ६१९८२११७२; १६७,१७८,२१३,२४२,२४५; ७।३१,३२११, ३२।१,३
३३,३५,५५,१२७११,१२६।१,१३३१३,१६७।१; संजतासंजय (संगतासंयत) प ३२१४
१६८१२,१७६ च ३।२ सू १७।२,१।१४; संजम (संयम) प ११११७ ज ११५, २१८३,३३३२।
१ १ ०।६१३।१७,१८१८ उ ११३ उ ११२,३,३।२६,३१,६६,१३२,५२६ संठाणओ (संस्थानतस्) प ११५ से है संजय (यत) प ३।१।१,१०५,६।१८,१७।२५, संठाणतो (संस्थानतस्) प १७ से ६
३०,३३, १८।१।१,१८१८६२११७२; संठाणणाम (संस्थाननामन्) प २३।३८,४६
२८।१०६।१,२८।१२८, ३२।१ से ४,६६।१।। संठाणपज्जव (संस्थानपर्यव) ज २१५१,५४,१२१, संजयासंजय (संयतासंयत) प३।१०५; ६९७; १२६,१३०,१३८,१४०,१४६,१५४,१६०,१६३
१७।२३,२५,३०:१८।६१२१।७२,२२१६२; संठाणपरिणाम (संस्थानपरिणाम) प १३।२१,२४ २८।१३०, ३२११,२,६
संठाणा (दे०) सू १०६,६२,६७,६८,७५,८३, संजलण (संज्वलन) प १४१७; २३।३५
१०३,१२०,१३१ से १३३;१२।२० मृगशिरा संजलणा (संज्वलना) प २३।१८४
नक्षत्र संजारर (सजात) ज ३।१११,१२५ उ ११८६
संठिइ (संस्थिति) ज ७।३१,३३,३५ चं २।१३।१, संजाय उहल्ल (संजातकौतूहल) ज ११६
१ सू १।६।१,१।७।१,१।६।१ संजायसंसय (संजातसंशय) ज ११६
संठित (संस्थित) प २।२० से २७,३०,३१,४१, ..
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org