________________
पढमं पण्णवणापयं
सिप्पारिय-पदं
६७. से कि तं सिप्पारिया' ? सिप्पारिया अणेगविहा पण्णत्ता, तं जहा-तुण्णागा तंतुवाया पट्टगारा' देयडा वरुट्टा' छविया कट्टपाउयारा मुंजपाउयारा छत्तारा वज्झारा' पोत्थारा लेप्पारा चित्तारा संखारा दंतारा भंडारा जिब्भगारा' सेल्लरा' कोडिगारा। जे यावण्णे तहप्पगारा। से तं सिप्पारिया । भासारिय-पदं
१८. से किं तं भासारिया ? भासारिया जे णं अद्धमागहाए भासाए भासिंति, जत्थ वि य णं बंभी लिवी पवत्तइ । बंभीए" णं लिवीए अट्ठारसविहे लेक्ख विहाणे पण्णत्ते, तं जहा-बंभी जवणाणिया दोसापुरिया खरोट्ठी" पुक्खरसारिया भोगवईया" पहराईयाओ य अंतक्खरिया अक्खरपुट्ठिया वेणइया णिण्हइया अंकलिवी गणितलिवी गंधव्वलिवी आयंसलिवी माहेसरी दामिली पोलिंदी। से तं भासारिया ।। णाणारिय-पदं
६६. से किं तं णाणारिया ? णाणारिया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-आभिणिबोहियणाणारिया सुयणाणारिया ओहिणाणारिया मणपज्जवणाणारिया केवलणाणारिया। से तं णाणारिया ॥ दंसणारिय-पदं
१००. से किं तं दंसणारिया ? सणारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-सरागदंसणारिया य वीयरागदसणारिया य॥ १०१. से किं तं सरागदसणारिया ? सरागदंसणारिया दसविहा पण्णत्ता, तं जहा
निस्सग्गुवएसरुई आणारुइ, सुत्त-बीयरुइ मेव" ।
अहिगम-वित्थाररुई किरिया-संखेव-धम्मरुई ॥१॥ १. अणुओगदाराई ३६० सूत्रे एतत्संवादी पाठो ७. समवाओ १८९५ सूत्रे एतत्संवादी पाठो दृश्यते-से कि तं सिप्पनामे ? सिप्पनामे- दृश्यते-बंभीए णं लिवीए अट्ठारसविहे लेखवत्थिए तंतिए तुन्नाए तंतुवाए पट्टकारे देअडे विहाणे पण्णत्ते, तं जहा-बंभी जवणालिया वरुडे मुंजकारे कटकारे छत्तकारे वज्झकारे दोसऊरिया खरोट्ठिया खरसाहिया पहाराइया पोत्यकारे चित्तकारे दंतकारे लेप्पकारे कोट्टिम- उच्चत्तरिया अक्खरपुट्ठिया भोगवइया वेणइया
निण्हइया अंकलिवी गणियलिवी गंधव्वलिवी २. वड्ढागारा (क); पट्टागारा (ख,ग,घ)। आयंसलिवी माहेमरी दामिली पोलिंदी। ३. वरुडा (क); वरुणा (ख); वरणा (पु); ८. जवणालिया (क,ख,घ,पु); मलयगिरिवृत्ती
मलयगिरिणा 'वरुट्टा-पिच्छकारा' इति यवनानी। व्याख्यातम् ।
६. दासा (क,घ)। ४. पभारा (क); पब्भारा (घ)।
१०. खरोट्टी (क,ख,ग,घ)। ५. जिब्भारा (ख); जिज्झगारा (पु)। ११. °इया (घ)। ६. सेलारा (क); सेल्लगारा (पु)। १२. चेव (क)।
कारे।
For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org