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________________ मदणसलागा-महंत १०१३ मदणसलागा (मदनशलाका) प १७६ मदणसाला (मदनशाला) उ ५५५ मद्दग (दे०) प ११३७।४ मद्दव (मार्दव) ज २१६,७१ मदुग (मद्गुक) ज २११३७ मधु (मधु) प १७।१३४ ज २।१०६,११० मधुर (मधुर) ज ३११८६,२०४ मिन्न (मन्) मन्ने ज ३।१०५ मम्म (मर्मन्) उ १६६ मम्मण (मन्मन) उ ३१६८ मय (पद) चं ११ मयकिच्च (मृतकृत्य) उ १६२ मयणिज्ज (मदनीय) प १७:१३४ ज २०१८ मयूर (मयूर) प ११७६ ज २।१५ उ ५१५५ मरगय (मरकत) प ११२०१३ ज ३।१०६ मरण (मरण) प १११११, २०६४;२०६४।६,२२; ३६।१।१,३६१८३।२,६४।१ ज २१७०,८८, १६,१०३,१०४,३।२२५ सू २०६६ उ ३।११२,१५६,४।१६ मरीइ (मरीचि) ज १३७ मरीइया (मरीचिका) ज ५१३२ मरुदेव (मरुदेव) ज २१५६.६२ मरुदेवा (मरुदेवा) ज २६३ मरुय (मरुक) प १८६ मरुयग (रुबक) प ११४४१३ मरुआ मरुयरायवसभशप्प (मरुद्राजवृषभकल्प) ज ३।१८,६३,१८० मख्यापुड (सरुबकयुट) ज ४।१०७ (मलय पश८६.श६३।३ ज ११२६,३।२, २११:५१५५ उ १११०,२६,६८५११ मलयगिरि (मलयगिरि) ज ३।२४ मलिण (मलिन) ज २।१३३ मलिय (मदित) ज ३१२२१ उ ११३५,३१५०, ११०,११३;४२० मल्ल (माला) प २।३०,३१,४१,४६ ज २।१२०, ३६,११,१२,२१,३४५५५,५७ उ १।३५; ३।५०,११० मल्ल (मल्ल) ज २।३२,३७८,८५,८८,१८०, २०६,२११,२२१,५।२२,२६ मल्लइ (मल्लवि) उ १।१२७ से १३०,१३२ मल्लदाम (माल्यदामन्) १ २।३०,३१,४१ ज ३७,६,१२,१८,२८,३०,३५,४१,४६,५८, ६६,७४,७७,७८,८८,६३,११७,११६,१४७, १६८,१७८,१८०,२१२,२१३,२२२ मल्ल (वासा) (माल्यवर्षा) ज २५७ मल्लि (मल्लि) ज ३।१०६ मल्लिया (मल्लिका) प ११३८।२ ज २।१०; ३३१२,८८,१७८,५१५,५८,७।१७८ मल्लियापुड (मल्लिकापुट) ज ४।१०७ मविज्जमाण (माप्यमान) प ११४८१५६ मवेज्जमाण (माप्यमान) प ११४८।५८ मसग (मशक) प ११५१११ ज २०४० उ ३०१२८ मसारगल्ल (दे०) प ११२०१३ ज ३।१०६; २५ मसि (मसि, मषि) ज २१२३ मसूर (मसूर) प ११४५१,११७६१५॥३,२१; २११२३,८० ज २।३७ मह (महत्) प २१३०,३१,४१,४६,६२; २३।१६३; ३६।८१ ज १११२,१४,३७,४०,४२,४३; २।३१, ३।२४,१६१,१६३,१६४,१६७,४।३, ६,६,१२,१३,२४,२५,३१,३३,३६ से ४१,४७, ४६,५६,६६ से ६८,७०,७४,७५,७६,८८,६३, १५६,२१६,२१८,२२१,२३५,२४३,२५०; ५६५,७,३५ से ३८,५४,६७, ७।५० मह (मथ) महिंति ज ५११६ महेइ उ ३३५१ महास (महाश्व) ज ३।१७६ महइ (महती) प २१२७ ज १।१०।२।११४,११५; १४३ महइमहालिय (महतीहत) उ ११२०७४।१४ महंत (महत्) ५ २३।१६३ ज१६,२६; ३१२ उ १।१०,२६६६; ११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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