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________________ तूवरी-तेया ६३६ तूवरी (तुवरी) प ११३७१३ १५३,१६२ से १६४;२८।१२३ तेइंदिय (त्रीन्द्रिय) प ११५०;२।७३।८,४० से तेउलेस्सापरिणाम (तेजोलेश्यापरिणाम) प १३।६ ४२,४६,४६,१४७ से १४६,१८३;४।६८ से तेदिय (त्रीन्द्रिय) प १११४,५०, ३।४२,४६,४६ १००,५॥३,२१,८१,६।२०,६५,७१,८३,८६, तेंदुय (तिन्दुक) प १७।१३२,१३३ १०४,११५;६।४;१११४५,१५।३४,७५,८१, तेंदूस (तिन्दुस) प ११४८।४८ ८६,१३७,१७।४०,६२,१०३,१८।१५,२२; तेगिच्छायण (चिकित्सायन) ज ७।१३२।४ २०१८,२३,२८,३३,४७, २११६,२८,४२; तेणबहुल (स्तेनबहुल) ज ११८ २२॥३१;२३।८७,१५१,१६०,१६१,२८।४५ तेण (तेन) सू ६१ से ४७,१०१,१२५,१३६ ; २६।१३;३०।११, तेणउति (त्रिनवति) सू १२।१२ २१,३११३,३४१६ तेणउय (त्रिनवति) ज ४।६२ तेइंदियत्त (त्रीन्द्रियत्व) प १५।६७,१४२ तेणामेव (तत्रव) प ३४।२२ ज ३३५ तेउ (तेजस्) १६८६,६२,१०४,११५,१३।६, तेतलि (तेजस्तलिन तेतलिन्) ज २१५०,१६४; १६,१७/४०,६६,१८।२६,२०१८.२३,२८, ४।१०६,२०५ ५७;२११८५,२२।२४ तेतालीस (त्रिचत्वारिंशत्) सू १११६ तेउकाइय (तेजस्कायिक) प १११५२१७ से ८:३।५० तेत्तीस (त्रयत्रिशत्) प २१६४१६ ज ४।६८ से ५२,५६,६० से ६३,६७,७१ से ७४,७८,८४ सू ११२० उ १११२६ से ८७,६१,६५,१६२ से १६४,१८३:४१७२,७५ तेदुरणमज्जिया (दे०) प ११५० से ७७; ५।३,१३,१४,६।१६,१०२ तेपण्ण (त्रिपञ्चाशत्) सू १२।२० तेउकाइयत्त (तेजस्कायिकत्व) ज ७२१२ तेय (तेजस्) प २।२०,३१,४१,४६,२८।१४१ तेउक्काइय (तेजस्कायिक) प ११२४;२७, ३४, ज २।१३३;३।३,१८,६३,१८०,१८८,७।११२१५ १६४,१८३;६।५;१२।२२,१५।२६,८५,१३७; सू १०।८८,१२६।५ उ ३।४८,५०,५५,६३, १७/६१ से ६३,१०३; १८४३,३८,४०,५१; ६७,७०,७३,१०६,११८ २०१२७,२६,३१,४५,२१।२५,४०,२२॥३१ तेयंसि (तेजस्विन्) ज ३१७७,१०६ तेउलेस (तेजोलेश्य) प १३।१५; १७६५,६६, तेयग (तेजस) प २११७६;३६।३२ १०२,१६८ तेयगसमुग्घाय (तैजससमुद्घात) प ३६।८,१२,२६, तेउलेसट्ठाण (तेजोलेश्यास्थान) प १७।१४६ ३२,३५,३७,४१,५३,५५,५७,५८,७३ तेउलेसा (तेजोलेश्या) प १७१५५,१२१,१४६ तेयगसरीर (तैजसशरीर) प २११७५ से ८१,८३, तेउलेस्स (तेजोलेश्य) प ३।६६; १३।१६,२०; ६०,६४,१००,१०३,१०४ १७।३३,५६,५६,६०,६२,६४,६६ से ६८,७१ तेयगसरीरय (तैजसशरीरक) प १२।१० से ७६,७८ से ८४,८७,८६,६५,१०१,१०२, तेयय (तैजस) प १२।१ से ५:२१११,३६।१।१ १६७,१८७२, २८।१२३ तेयलि (दे०) प ११४३।१।। तेउलेस्प्लट्ठाण (तेजोलेश्यास्थान) प १७१४६ तेयलेस्स (तेजोलेश्य) ज ११५ तेउलेस्सा (तेजोलेश्या) प १६:४६; १७।३४ से तेयस्सि (तेजस्थिन् ) ज २६८,१३८ ३६,३६,५०,५३,५४,६३,६६,११७,११८, तेया (जस) प १२।१४,१८,२१,२५,२६,२६,३५, १२१,१२२,१२६,१२६,१३३,१३७,१४४, २११६६,१०२,१०४,१०५,२३१६२;३६॥६२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003555
Book TitleUvangsuttani Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages1178
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size22 MB
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