________________ अभिमत डॉ. भागचन्द्र जैन एम. ए., पी-एच. डी., डी. लिट. आगम प्रकाशन समिति द्वारा प्रकाशित अठारह भाग प्राप्त हुए। धन्यवाद / इन ग्रन्थों का विहंगावलोकन करने पर यह कहने में प्रसन्नता हो रही है कि संपादकों एवं विवेचक विद्वानों ने नियुक्ति, चूणि एवं टीका का आधार लेकर आगमों की सयुक्तिक व्याख्या की है। व्याख्या का कलेवर भी ठीक है। अध्येता की दृष्टि से ये ग्रन्थ अत्यन्त उपयोगी हैं / इस सुन्दर उपक्रम के लिए एतदर्थ हमारी बधाइयाँ स्वीकारें / S Only