________________ 462] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र नौ वासुदेवों की माताओं के नाम—(१) मृगावती, (2) उमा, (3) पृथ्वी, (4) सीता, (5) अम्बिका, (6) लक्ष्मीमती, (7) शेषवती, (8) कैकयी और (9) देवकी। नौ वासुदेवों के पितानों के नाम-(१) प्रजापति, (2) ब्रह्म, (3) सोम, (4) रुद्र, (5) शिव, (6) महाशिव, (7) अग्निशिव, (8) दशरथ और (9) वासुदेव / नौ वासुदेवों के प्रतिशत्रु-प्रतिवासुदेवों के नाम-(१) अश्वग्रीव, (2) तारक, (3) मेरक, (4) मधुकैटभ, (5) निशुम्भ, (6) बली, (7) प्रभराज (प्रह्लाद) (5) रावण और (9) जरासन्ध / ' इसके अतिरिक्त समवायांगसूत्र में भूतकालीन और भविष्यकालीन अवसर्पिणी तथा उत्सपिणी के तीर्थंकरों और चक्रवत्तियों आदि के नामों का भी उल्लेख है; यहाँ विस्तारभय से उन्हें नहीं दे रहे हैं। // पंचम शतक : पंचम उद्देशक समाप्त // ------- - -- 1. (क) भगवतीसूत्र (हिन्दी विवेचन) भाग 2, पृ. 837 से 839 तक / (ख) समवायोगसूत्र (स. पृ. 150 से 155 तक) (ग) आवश्यक नियुक्ति (प्रारम्भ) (घ) भगवती (टीकानुबाद-टिप्पणयुक्त) खण्ड 2, पृ. 195 से 198 तक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org