________________ परिशिष्ट 1] [771 नायपुत्त (तीर्थकर भगवान् महावीर का नाम) 5-8, 10, 12-15, 17-18, 21 15 / 065,67 माणिभद्द (देव) 15 / 0 / 132 नारयपुत्त (भ० महावीर का शिष्य) 5 / 8 / 3-9 मायंदिय (निर्ग्रन्थ) 18 / 1 / 1 नियंठपुत्त (भ० महावीर का शिष्य) 5 / 8 / 3-6 मिगा (या) वती (कौशाम्बी के शतानीक राजा की नेमि (तीर्थकर) 2017 रानी) 12 / 2 / 2-4, 7-13 पउमावती (उदायण राजा की रानी) 13 / 6 / 12,- मुणिसुव्वय (तीर्थकर) 16 / 5 / 16, 1812 / 3, 20 // 21, 29, 30, 87 पभावती (हस्तिनापुरनरेश बल राजा की रानी) मेहिल (पापित्यीय स्थविर) 215 // 17 11 / 11 / 22-26,26, 32, 33, (3), 33(4), मोग्गल (परिव्राजक) 11612 / 16-18 34-26,44 मोरियपुत्त (तामलि नाम का गृहस्थ-तापस) 31 // पभावती (उदायण राजा की रानी) 13 / 6 / 13,32 35, 36, 39-45 पास (तीर्थंकर पार्श्वनाथ) 59 / 14 (2), 18, रेवती (श्रमणोपासिका) 1500 / 113, 121-127 9 // 32 // 51 (2) 2068 / 7 रोह (भ. महावीर का शिष्य) 116 / 12, 13, १६पिंगलय (निर्ग्रन्थ) 2 / 1113-16, 20, 23 18, 24,10 / 4 / 3 पुण्णभद्द (देव) 150 / 132 लेच्छइ (गणराजा) 7 / 6 / 5, 10, 14, पुप्फदंत (तीर्थकर) 201817 वद्धमाण (तीर्थंकर महावीर) 2017 पूरण (गृहस्थ-तापस) 3 / 2 / 19-23,16 // 5 // वरुण (श्रमणोपासक) 7 / 6 / 20 वाउ (यु) भूति (गणधर) 3 / 117, 8-12, 14, पोक्खलि (श्रमणोपासक) 12114,14-18 16,30 वासुपुज्ज (तीर्थकर) 2017 बल (हस्तिनापुर का राजा) 11 / 11 / 21,22, विदेहपत्त (राजा कणिक) 75 24-27,26-33 (1), 34, 35, 39-44, विमल (तीर्थंकर) 11111153,55; 15101132, 201817 बहुल (ब्राह्मण) 15036-36, 41 विमलवाहण (राजा-गोशालक का जीव) 1 // भद्दा (मंख-भार्या-गोशालक की माता) 1510 / 14, 0 / 132 17,18 वेसालिय (लीय) (भ. महावीर) 2 / 1 / 13, 14, भूतानंद (हाथी) 7 / 9 / 15 15, 16, 20 (1), 23; 12 / 2 / 4 मद्द य (श्रमणोपासक) 18 / 7 / 26, 28-36 वेसियायण (तापस) 15 / 0141-54 मल्लइ (गणराजा) 7 / 6 / 5, 10, 14 सम्मुति (राजा) 15 / 0 / 132 मल्लि (तीर्थंकर) 2017 सयाणीय (राजा, कौशांबीनरेश) 12 / 2 / 2, 3, 4, महब्बल (राजपुत्र-निर्ग्रन्थ) 11111144-52, 55- सब्वाणभुइ (ति) (भ. महावीर का शिष्य-श्रमण) 56, 58, 12 / 6 / 8 1510171-74, 126, 132 महसेण (राजा) 13 / 6 / 16, 25 ससि (तीर्थंकर–चन्द्रप्रभ भगवान)२०१७ महाप उम (गोशालक के आगामी भव का नाम) सहस्साणीय (राजा) 12 / 2 / 2, 3, 4 15 / 0 / 132 संख (श्रमणोपासक) 121 // 3.31 मागंदियपुत्त (भ. महावीर का शिष्य) 18 / 3 / 2-3, संखवालय (प्राजीवकोपासक) 8 / 5 / 11 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org