________________ इकतालीसवां शतक : उद्देशक 2] [749 ____ 'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है', यों कह कर गौतमस्वामी यावत् विचरते हैं। विवेचन-राशियुग्म-योजराशिविशिष्ट जीवों की उत्पत्ति आदि सम्बन्धी प्रस्तुत 3 सूत्रों में राशियुग्म-योजराशियुक्त जीवों के उपपात आदि के सम्बन्ध में विभिन्न पहलुओं से पूर्व उद्देशक के अतिदेशपूर्वक कथन किया गया है। // इकतालीसवां शतक : द्वितीय उद्देशक समाप्त // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org