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________________ 372) [ध्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र _ [244 उ.] गौतम ! सबसे थोड़े सर्वकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध हैं / उनसे निष्कम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुण हैं और देशकम्पक अनन्तप्रदेशी स्कन्ध अनन्तगुण हैं। विवेचन-निष्कर्ष सर्वकम्पक परमाणु-पुद्गल सबसे अल्प हैं, उनसे निष्कम्पक परमाणुपुद्गल असंख्यातगुण हैं / द्विप्रदेशी स्कन्धों से असंख्यातप्रदेशी स्कन्धों तक में सर्वकम्पक सबसे अल्प हैं, उनसे देशकम्पक असंख्यातगण हैं, उनसे निष्कम्पक असंख्यातगुण हैं। अनन्तप्रदेशी स्कन्धों में सर्वकम्पक सबसे अल्प हैं, निष्कम्प अनन्तगुण हैं और उनसे देशकम्पक अनन्तगुण हैं / सर्व-देश-निष्कम्प परमाणों से अनन्त प्रदेशीस्कन्ध तक के अल्पबहत्व की चर्चा 245. एएणि गं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं, संखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाणं अणंतपएसियाण य खंधाणं देसेयाणं सव्वेयाणं निरेयाणं दवट्टयाए पएसद्वयाए दवट्टपएसद्वयाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाह्यिा वा ? ___ गोयमा ! सम्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सम्वेया दम्वट्ठयाए 1, अणंतपएसिया खंधा निरेया दवट्ठयाए अणंतगुणा 2, अणंतपएसिया खंधा देसेया दवट्ठयाए अणंतगुणा 3, असंखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दवढयाए अणंतगुणा 4, संखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा, 5, परमाणुपोग्गला सव्वेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 6, संखेज्जपएसिया खंधा देसेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 7, प्रसंखेज्जपएसिया खंधा देसेया दवट्टयाए असंखेज्जगुणा 8, परमाणुपोग्गला निरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा &, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दबट्टयाए संखेन्जगुणा 10, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 11 // पदेसट्टयाए - सव्वत्थोवा अणंतपदेसिया। एवं पएसट्टयाए वि, नवरं परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए भाणियव्वा / संखिज्जपएसिया खंधा निरेया पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा सेसं तं चेव। दन्यट्ठपएसट्टयाए-सब्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा सम्वेया दवट्ठयाए 1, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा 2, प्रणंतपएसिया खंधा निरेया दम्वट्ठयाए अणंतगुणा 3, ते चेव पएसट्ठयाए प्रणंतगुणा 4, अणंतपएसिया खंधा देसेया दम्वट्टयाए अणंतगुणा 5, ते चेव पदेसट्टयाए अणंतगुणा 6, असंखेज्जपएसिया खंधा सम्बया दवट्ठयाए अणंतगुणा 7, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 8, संखेज्जपएसिया खंधा सम्वेया दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 6, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 10, परमाणुपोग्गला सब्वेया दध्वटुअपएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 11, संखेज्जपएसिया खंधा देसेया दब्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा 12, ते चैव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 13, असंखेज्जपएसिया खंधा देसेया दवट्ठयाए असंखेज्जगुणा 14, ते चेव पदेसट्टयाए असंखेज्जगुणा 15, परमाणुपोग्गला निरेया दवट्ठअपएसट्टयाए असंखेज्जगुणा 16, संखेज्जपएसिया खंधा निरेया दवट्ठयाए संखेज्जगुणा 17, ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा 18, असंखेज्जपएसिया खंधा निरेया दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा 16, ते चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगणा 20 / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003473
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages2986
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size69 MB
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