________________ 114] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र विवेचन-यहाँ वल्लियों के नाम-निर्देश प्रज्ञापनासूत्र के प्रथम पद की छब्बीसवीं गाथा से लेकर तीसवीं गाथा तक में इस प्रकार हैं पुसफली कालिंगी तुंबी तउसी य एलवालुंकी। घोसाडइ पंडोला, पंचंगुली प्रायणीली य / / 26 / / यावत् दधिफोल्लइ कागली सोगली य तह अक्कबोंदी य / / 30 / / '. इस प्रकार इन छह वर्गों में सब मिलाकर साठ उद्देशक होते हैं / / बाईसवें शतक का छठा वर्ग समाप्त // // बाईसवाँ शतक सम्पूर्ण // 1. (क) प्रज्ञापनासूत्र पद 1, पत्र 33/1 (ख) भगवती. विवेचन (पं. घेवरचन्दजो), भा. 6, पृ.२९६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org