________________ 10] [व्याख्याप्राप्तिसूत्र [11 प्र.] भगवन् ! इन (पूर्वोक्त) द्वीन्द्रिय यावत् पंचेन्द्रिय जीवों में कौन किससे यावत् विशेषाधिक है ? [11 उ. गौतम ! सबसे अल्प पंचेन्द्रिय जीव हैं। उनसे चतुरिन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं, उनसे त्रीन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं और उनसे द्वीन्द्रिय जीव विशेषाधिक हैं / 'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है, यों कह कर गौतमस्वामी यावत् विचरते हैं। // वीसवां शतक : प्रथम उद्देशक समाप्त / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org