________________ 784] [व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र परिणाम और उपपात से सम्बन्धित प्रश्नोत्तर-प्र.) (1) भगवन् ! क्या सभी द्वीप-समुद्र पृथ्वी के परिणामरूप हैं ? (2) भगवन् ! क्या द्वीप-समुद्रों में सर्वजीव पहले पृथ्वी कायादिरूप में कई बार उत्पन्न हुए हैं ? इन प्रश्नों के उत्तर में भगवान् ने कहा है हाँ, गौतम ! सभी जीव अनेक बार अथवा अनन्त वार उत्पन्न हो चुके हैं।' // उन्नीसवाँ शतक : छठा उद्देशक समाप्त // 1. (क) भगवती. अ. वृत्ति. पत्र 769-770 (ख) जीवाभिगम प्रतिपत्ति 3, पत्र 176-273, सू. 123-190 (माग मोदय.) (ग) भगवती. विवेचन (पं. चेवर चन्दजी) भा. 6, पृ. 2006 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org