________________ समर्पण जो जन जगत के जाज्वल्यमान नक्षत्र आचार्यवर्य भी अयमलजी महाराज के उत्तराधिकारी-द्वितीय पट्टधर थे, जिन्होंने जिनशासन को प्रभावना में बहुमूल्य योगदान दिया अपनी मधर वाणी और आचार-व्यवहार से, जिनको काव्य मय ऐतिहासिक एवं पौराणिक रचनाएँ माल भी धर्मप्रिय जनों को रुचि को परितोष प्रदान करती हैं, जिनका साधनामय जीवन स्वयं ही आध्यात्मिक प्रेरणा का पावन सोत रहा, उन महामना महर्षि आचार्य श्री रायचन्द्रजी महाराज को पवित्र स्मति में सादर सविनय समति समर्पित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org