________________ यापने अपने परिवार के "सिरेमल हीराचन्द चेरिटेविल ट्रस्ट' द्वारा सात लाख रुपयों की बड़ी राशि लगा कर बनवाया है। यह अस्पताल प्राधनिक साधन-सामग्री से सम्पन्न है। इसमें 15 विस्तर (Beds) हैं, प्राउट पैसेन्ट वार्ड है, अाधुनिक एयरकन्डीशण्ड (वातानुकूलित) आपरेशन थियेटर है तथा स्पेशल वार्ड ग्रादि सभी सुविधाएं हैं। यह अाधुनिक शस्त्रों तथा साज-सामान से सुसज्जित है। इस अस्पताल से प्रतिदिन 75 रोगी लाभ उठा रहे हैं और प्रतिवर्ष 600 आपरेशन होते हैं। विशेष उल्लेखनीय तो यह है कि इस अस्पताल का दैनिक प्रबन्ध सेठ साहब और आपके सुपुत्र स्वयं ही करते हैं / समाजसेवा की उत्कट भावना के अतिरिक्त आपका धार्मिक जीवन भी सराहनीय है। प्रतिदिन सामायिक प्रतिक्रमण करना तो आपका नियमित अनुष्ठान है ही, कई वर्षों से अाप चौविहार भी बरावर कर आपका परिवार खूब भरा-पूरा है ! तीन सुपुत्र, नौ पौत्र, सात प्रपौत्र एवं चार सुपुत्रियां हैं। इस समय आपकी उम्र 82 वर्ष की है, फिर भी आप अपने सात्विक आहार-विहार तथा विचारों की बदौलत स्वस्थ और सक्रिय हैं। संक्षेप में सेठ श्रीहीराचन्दजी सा. पूर्वोपार्जित पुण्य के धनी हैं और भविष्य के लिए भी पुण्य की महानिधि संचित कर रहे हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपके विशिष्ट अर्थ-सहयोग के लिए समिति अत्यन्त अाभारी -मन्त्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org