________________ सूत्रांक 760 222 ] [ सूत्रकृतांगसूत्र-द्वितीय थ तस्कन्ध गाथा सूत्रांक गाथा 56. पुरिसं व वेद्ध ण कुमारकं वा 814 66. सते सते उवट्ठाणे 730 57 बुद्धस्स अणाए इमं समाहिं 841 70. समारभंते वणिया भूयगामं 807 58. भूताभिसंकाए दुगुछमाणा 827 71. समेच्च लोगं तस थावराण 56. महव्वते पंच अणुव्वते य 762 72. समुच्छि जिहिति सत्थारो 757 60. मेहाविणो सिक्खिय बुद्धिमंता 802 73. सव्वेसि जीवाण दयट्ठयाए 826 61. लद्ध अहठे अहो एव तुब्भे 820 74. साऽऽजीविया पट्ठवियाऽथिरेणं 788 62. लोयं अजाणित्तिह केवलेणं 835 75. सिणायगाणं तु दुवे सहस्सो 815, 822, 63. लोयं विजाणंतिह केवलेण 826 64. वायाभियोगेण जयावहेज्जा 816 76. सियाय बीअोदग इत्थियाओ 65. वित्तेसिणो मेहुण संपगाढा 808 77. सीओदगं सेवउ बीयकायं 763 66. संवच्छरेणावि य....पाणं... अणियत्त ... 839 78. सीतोदगं वा तह बीयकायं 764 67. संवच्छरेणावि य"पाणं.. समणव्व.... 745 68. संवच्छरेणावि य एगमेग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org