________________ पृष्ठ सूत्रांक 558-567 568-573 574-578 418 421 423 576 425 427-428 426 580-584 585-566 567-606 435 440-441 442 607-611 612-621 622-624 625-626 कुसाधु के कुशील एवं सुसाधु के शील का यथातथ्य निरूपण साधु की ज्ञानादि साधना में तथ्य-अतथ्य-विवेक सुसाधु द्वारा यथातथ्य धर्मोपदेश के प्रेरणासत्र साधु धर्म का यथातथ्य रूप में प्राण प्रण से पालन करे ग्रन्थ : चतुर्दश अध्ययन : पृष्ठ 427 से 436 प्राथमिक ग्रन्थ त्यागी के लिए गुरुकुलवास का महत्व और लाभ गुरुकुलवासी साधु द्वारा शिक्षा ग्रहण विधि गुरुकुलवासी साधु द्वारा भाषा-प्रयोग के विधि-निषेध सत्र जमतीत : पंचदश अध्ययन : पृष्ठ 440 से 450 प्राथमिक अनुत्तर ज्ञानी और तत्कथित भावनायोग साधना विमुक्त मोक्षाभिमुख और सांसारान्तकर साधु कौन ? मोक्ष प्राप्ति किसको सुलभ, किसको दुर्लभ मोक्ष-प्राप्त पुरुषोत्तम और उसका शाश्वत स्थान संसार पारंगत साधक की साधना के विविध पहल गाथा : षोडष अध्ययन : पृष्ठ 451 से 458 प्राथमिक माहण-श्रमण परिभाषा स्वरूप माहन स्वरूप श्रमण स्वरूप भिक्षु-स्वरूप निर्ग्रन्थ स्वरूप परिशिष्ट : पृष्ठ 456 से 515 1 गाथाओं की अकारादि अनुक्रमणिका 2 विशिष्ट शब्द सूची 3 स्मरणीय सुभाषित 4 सूत्रकृतांग के सम्पादन-विवेचन में प्रयुक्त ग्रन्थ सूची 444 447 448 446 632-633 452 الله 636 الله 454 455 457 الماء 461-470 471-506 507-506 510-515 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org