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________________ तृतीय बहुवक्तव्यतापद] [२८७ _ [३१९] क्षेत्र के अनुसार १. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनसे) विशेषाधिक अधोलोक-तिर्यक्लोक में हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. त्रैलोक्य में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, ५. ऊर्ध्वलोक में (उनकी अपेक्षा) असंख्यातगुणे हैं. ६. और अधोलोक में (उनसे भी) विशेषाधिक हैं। ३२०. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए १, अधोलोयतिरियलोए विसेसाहिया २, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ३, तेलोक्के असंखेजगुणा ४, उड्ढलोए संखेज्जगुणा ५, अधेलोए विसेसाहिया ६। ___ [३२०] क्षेत्र की अपेक्षा से १. सबसे कम वनस्पतिकायिक अपर्याप्त जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, २. (उनकी अपेक्षा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. त्रैलोक्य में (उनकी अपेक्षा) असंख्यातगुणे हैं, ५. ऊर्ध्वलोक में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं तथा ६. अधोलोक में (इनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक हैं। __ ३२१. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया पज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए १, अधेलोयतिरियलोए विसेसाहिया २, तिरियलोए असंखेन्जगुणा ३, तेलोक्के असंखेज्जगुणा ४, उड्ढलोए असंखेज्जगुणा ५, अधेलोए विसेसाहिया ६। [३२१] क्षेत्र की अपेक्षा से १. सबसे अल्प वनस्पतिकायिक-पर्याप्तक जीव ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, २. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनसे) विशेषाधिक हैं, ३. (उनसे) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं, ४. त्रैलोक्य में (उनसे) असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) असंख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक में हैं, ६. (और उनकी अपेक्षा भी) विशेषाधिक अधोलोक में हैं। __३२२. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तसकाइया तेलोक्के १, उड्ढलोयतिरियलोए संखेजगुणा २, अहेलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा ३, उड्ढलोए संखेजगुणा ४, अधेलोए संखेज्जगुणा ५, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ६। __ [३२२] क्षेत्र की अपेक्षा से १. सबसे थोड़े त्रसकायिक जीव त्रैलोक्य में हैं, २. ऊर्ध्वलोकतिर्यक्लोक में (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, ३. (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे अधोलोक-तिर्यक्लोक हैं, ४. ऊर्ध्वलोक में (इनसे) संख्यातगुणे हैं, ५. अधोलोक में (इनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे हैं, ६. और (इनकी अपेक्षा भी) तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणे हैं। ३२३. खेत्ताणुवाएणं सव्वत्थोवा तसकाइया अपज्जत्तया तेलोक्के १, उड्ढलोयतिरियलोए संखेज्जगुणा २, अधेलोएतिरियलोए संखेज्जगुणा ३, उड्ढलोए संखेज्जगुणा ४, अधेलोए संखेजगुणा ५, तिरियलोए असंखेज्जगुणा ६। - [३२३] क्षेत्र की अपेक्षा से १. सबसे कम त्रसकायिक अपर्याप्तक जीव त्रैलोक्य में हैं, २. (उनकी अपेक्षा) संख्यातगुणे ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में हैं, ३. अधोलोक-तिर्यक्लोक में (उनकी अपेक्षा)
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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